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This Article is From Dec 01, 2016

16 सालों में सिर्फ 177 लोगों ने की इंटरप्रिन्योरशिप में Ph.D: अध्ययन

16 सालों में सिर्फ 177 लोगों ने की इंटरप्रिन्योरशिप में Ph.D: अध्ययन
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अहमदाबाद: उद्यमिता को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के बावजूद भारतीय विश्वविद्यालयों में इस विषय पर पीएचडी के लिए अनुसंधान करने वालों की संख्या बहुत कम है और गत 16 सालों में सामाजिक विज्ञान अध्ययन में जहां 20,271 लोगों ने पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है, वहीं उद्यमिता (Entrepreneurship) विषय में केवल 177 लोगों ने यह डिग्री हासिल की है.

देश के 740 मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में किये गये एक अध्ययन के मुताबिक उद्यमिता में केवल 66 विश्वविद्यालयों पीएचडी की डिग्री प्रदान कीं.

अध्ययन में यह भी पता चला है कि शोध के लिहाज से ‘महिला उद्यमिता’ सबसे पसंदीदा विषय है.

यह अध्ययन गांधीनगर स्थित एन्टरप्रेन्योरशिप डिवेल्पमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) की एक संकाय सदस्य कविता सक्सेना ने किया है.

उद्यमशीलता में 177 पीएचडी करने वालों में से 104 पुरूष शोधार्थी हैं और 73 महिला शोधार्थी हैं. इनमें से 167 लोगों ने अंग्रेजी भाषा में जबकि शेष 10 लोगों ने हिन्दी भाषा में पीएचडी की है.

राज्यों के हिसाब से इस समयावधि में महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों ने इस विषय में सबसे अधिक 25 लोगों को पीएचडी की डिग्री दी. इसके बाद कर्नाटक ने 18, मध्य प्रदेश में 15 और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने 12-12 डिग्री प्रदान की है.

इस शोध का उद्देश्य 16 वषरें में सामाजिक विज्ञान की तुलना में उद्यमिता के क्षेत्र में अनुसंधान के विकास की पहचान करने के लिए उद्यमिता अनुसंधान की प्रकृति और दिशा के बारे में जानकारी हासिल करनी था.

कविता सक्सेना ने बताया, ‘‘महिला उद्यमिता शोध के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्र बना हुआ है.’’

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