
प्रतीकात्मक चित्र
आज के कॉमपटिशन वाले दौर में नौकरी पाना और उसे बचाए रखना बहुत ही अहम हो गया है. और इसी चक्कर में शुरू हो जाती है ऑफिस पॉलिटिक्स. अगर आपके ऑफिस में भी कुछ ऐसा ही माहौल है या आप भी इसके शिकार हैं, तो यहां हैं कुछ कारगर टिप्स जिनसे आप खुद को इसका शिकार बनने से बचा सकते हैं-
हालात को समझें 
सबसे जरूरी है कि आप अपने ऑफिस के अंदर के हालात को समझें. हो सकता है कि वहां का माहौल ही इस तरह का हो चुका हो कि ऑफिस पॉलिटिक्स उस टीम का हिस्सा बन गया हो. आपकी टीम में कोई एक ऐसा कर्मचारी हो, जो इस पूरी ऑफिस पॉलिटिक्स की जड़ हो. ऐसे में हालात को समझ कर उससे दूरी बना कर रखें. अगर आप उस एक कर्मचारी को पहचान नहीं पा रहे हैं, तो उन मुद्दों पर ऑफिस में बात ही न करें, जिससे कि आपको ऑफिस पॉलिटिक्स में खींचा जा सके.
किसी की तरफदारी न करें
कभी भी किसी एक की बात सुनकर दूसरे को गलत न कहें. कई बार कुछ लोग सही होने पर भी खुद को इसलिए साबित नहीं करते, क्योंकि लोगों की सोच उनके लिए मायने नहीं रखती. हो सकता है कि आप किसी एक का पक्ष सुनकर उसे सही सोच लें, लेकिन दूसरे के पक्ष में भी उतना ही दम हो. इसलिए किसी भी व्यक्ति की तरफदारी करने से बचें. यह आपको और फंसा सकता है.
न बढ़ाएं नजदीकियां 
अगर आपके ऑफिस में माहौल जरा राजनीति वाला है, तो इस बात का खास ख्याल रखें कि आप किसी से भी ज्यादा नजदीकियां न बढ़ाएं. हर तरह के लोग होते हैं. कुछ ऐसे होते हैं, जो अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते, कुछ चापलूसी और ग्रुपिजम में माहिर, कुछ ऐसे जो किसी कि कमियां गिनाने में गिल्ट फील करते हैं, तो कुछ ऐसे जो हर समय किसी न किसी चीज की शिकायत या किसी की बुराई ही करते रहते हैं. आप ऑफिस के 8 घंटों में काम के साथ साथ किसी को पूरी तरह समझने का दावा नहीं कर सकते. ऐसे में आपकी बातों को वह किसी दूसरे के सामने कैसे पेश कर दे आप कह नहीं सकते.
क्विक रिएक्शन से बचें
हो सकता है कि कई बार पॉलिटिक्स इतनी ज्यादा बढ़ जाए कि आप अपना आपा खो दें. इस पॉलिटिक्स की वहज से आपके काम पर असर होगा. हो सकता है कि आप कोई ऐसा क्विक रिएक्श न दे बैठें, जो आपकी नौकरी के लिए ही खतरा बन जाए. तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आप क्विक रिएक्शन न दें...
बॉस से करें खुलकर बात 
ऑफिस में बॉस एक ऐसा शख्स होता है, जिसने सबको रिक्रूट किया है. इसलिए वह सबसे बारे में जानता है. अक्सर लोग शिकायत करने भी उन्हीं के पास जाते हैं. इसलिए अपनी हर बात खुलकर अपने बॉस से जरूर करें, ताकि वे आपकी स्थिति को समझ सकें.
हालात को समझें

सबसे जरूरी है कि आप अपने ऑफिस के अंदर के हालात को समझें. हो सकता है कि वहां का माहौल ही इस तरह का हो चुका हो कि ऑफिस पॉलिटिक्स उस टीम का हिस्सा बन गया हो. आपकी टीम में कोई एक ऐसा कर्मचारी हो, जो इस पूरी ऑफिस पॉलिटिक्स की जड़ हो. ऐसे में हालात को समझ कर उससे दूरी बना कर रखें. अगर आप उस एक कर्मचारी को पहचान नहीं पा रहे हैं, तो उन मुद्दों पर ऑफिस में बात ही न करें, जिससे कि आपको ऑफिस पॉलिटिक्स में खींचा जा सके.
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किसी की तरफदारी न करें
कभी भी किसी एक की बात सुनकर दूसरे को गलत न कहें. कई बार कुछ लोग सही होने पर भी खुद को इसलिए साबित नहीं करते, क्योंकि लोगों की सोच उनके लिए मायने नहीं रखती. हो सकता है कि आप किसी एक का पक्ष सुनकर उसे सही सोच लें, लेकिन दूसरे के पक्ष में भी उतना ही दम हो. इसलिए किसी भी व्यक्ति की तरफदारी करने से बचें. यह आपको और फंसा सकता है.
न बढ़ाएं नजदीकियां

अगर आपके ऑफिस में माहौल जरा राजनीति वाला है, तो इस बात का खास ख्याल रखें कि आप किसी से भी ज्यादा नजदीकियां न बढ़ाएं. हर तरह के लोग होते हैं. कुछ ऐसे होते हैं, जो अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते, कुछ चापलूसी और ग्रुपिजम में माहिर, कुछ ऐसे जो किसी कि कमियां गिनाने में गिल्ट फील करते हैं, तो कुछ ऐसे जो हर समय किसी न किसी चीज की शिकायत या किसी की बुराई ही करते रहते हैं. आप ऑफिस के 8 घंटों में काम के साथ साथ किसी को पूरी तरह समझने का दावा नहीं कर सकते. ऐसे में आपकी बातों को वह किसी दूसरे के सामने कैसे पेश कर दे आप कह नहीं सकते.
क्विक रिएक्शन से बचें
हो सकता है कि कई बार पॉलिटिक्स इतनी ज्यादा बढ़ जाए कि आप अपना आपा खो दें. इस पॉलिटिक्स की वहज से आपके काम पर असर होगा. हो सकता है कि आप कोई ऐसा क्विक रिएक्श न दे बैठें, जो आपकी नौकरी के लिए ही खतरा बन जाए. तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आप क्विक रिएक्शन न दें...
बॉस से करें खुलकर बात

ऑफिस में बॉस एक ऐसा शख्स होता है, जिसने सबको रिक्रूट किया है. इसलिए वह सबसे बारे में जानता है. अक्सर लोग शिकायत करने भी उन्हीं के पास जाते हैं. इसलिए अपनी हर बात खुलकर अपने बॉस से जरूर करें, ताकि वे आपकी स्थिति को समझ सकें.
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