पीपीएफ (PPF) और पीएफ (EPF) : दोनों में हैं कुछ बेसिक फर्क, जानें किससे क्या नफा...

पीपीएफ असल में ईईई यानी exempt, exempt, exempt के तहत आता है यानी कि इसमें डाला गया पैसा, इस पर मिलने वाला ब्याज और मच्योरिटी पर मिलने वाली रकम, तीनों ही, चीजें टैक्स फ्री हैं. 

पीपीएफ (PPF) और पीएफ (EPF) : दोनों में हैं कुछ बेसिक फर्क, जानें किससे क्या नफा...

पीपीएफ (PPF) और पीएफ (EPF) : दोनों में हैं कुछ बेसिक फर्क, जानें किससे क्या नफा...

खास बातें

  • ईपीएफ नौकरीपेशा व्यक्ति का ईपीएफओ में खोला गया खाता होता है
  • पीपीएफ खोलने के लिए नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं, कारोबारी भी खोल सकता है
  • दोनों ही निवेश के अच्छे विकल्प, लेख में जानें जरूरी बातें
नई दिल्ली:

पीएफ (PF या EPF) और पीपीएफ (PPF) में कंफ्यूज तो नहीं होते आप? पीएफ यानी ईपीएफ जिसका मतलब है एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड, हिन्दी में कहें तो कर्मचारी भविष्य निधि. जबकि, पीपीएफ का अर्थ है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी सार्वजिनक भविष्य निधि. पहला, किसी नौकरीपेशा व्यक्ति का वह खाता है जिसमें वह खुद और उसका नियोक्ता एक निश्चित रकम (वाया नियोक्ता) ईपीएफओ में आपके नाम से खुले एक निश्चित खाते में जमा करवाते हैं जबकि पीपीएफ, आप खुद निजी स्तर पर खुलवाते हैं और इसका आपके निजी या सरकारी, कारोबारी या प्रफेशनल होने से कोई लेना देना नहीं होता. भारत का कोई भी नागरिक किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में PPF खाता खुलवाने के लिए स्वतंत्र है.

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पीएफ का कितना पैसा टैक्सफ्री, कितना कटता है, कैसे कटता है...
अब यदि हम पहले पीएफ की बात करें तो यह वह अकाउंट होता है जो नौकरी पेशा लोगों के लिए होता है. इसमें आपका नियोक्ता आपकी सैलरी से कुछ निश्चित रकम काटकर (मौजूदा समय में 12 फीसदी) पीएफ ऑफिस में जमा करा देता है. यह तय रकम सरकार द्वारा निर्धारित होती है और इस तय रकम में नियोक्ता भी अपना हिस्सा (हमारी सीटीसी का हिस्सा) जोड़कर जमा कराता है. इसमें आपके निवेश पर 8.5 फीसदी ब्याज मिलता है.

पीएफ के मद में कर्मचारी की तनख्वाह से जो भी रकम कटती है, वह उसकी बचत मानी जाती है, और उसमें से 1,50,000 लाख रुपये तक की रकम करमुक्त, यानी टैक्सफ्री होती है. पीएफ के मद में कर्मचारी की तनख्वाह से जो भी रकम कटती है, वह उसकी बचत मानी जाती है, और उसमें से 1,50,000 लाख रुपये तक की रकम करमुक्त, यानी टैक्सफ्री होती है. 

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निवेश का शानदार विकल्प पीपीएफ, हर तरह से टैक्सफ्री!
पीपीएफ निवेश का यह एक शानदार विकल्प माना जाता है. इसकी एक वजह यह है कि इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है. ऐसे में यदि आप इनकम टैक्स बचाने के लिए सेक्शन 80 सी के तहत पीपीएफ में निवेश करते हैं तो इस पर जमा रकम को अपने दस्तावेजों में शो करके टैक्स की छूट का लाभ  भी ले सकते हैं. पीपीएफ में निवेश पर 7.8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है. पहले पीपीएफ में ब्याज की दर को लेकर सालाना फैसला होता था लेकिन अब यह प्रति तिमाही होता है.

यह जानकार आपको बढ़िया लगेगा कि पीपीएफ असल में ईईई यानी exempt, exempt, exempt के तहत आता है यानी कि इसमें डाला गया पैसा, इस पर मिलने वाला ब्याज और मच्योरिटी पर मिलने वाली रकम तीनों ही चीजें टैक्स फ्री हैं. 

VIDEO- अपनी मेहनत का पैसा कैसे बचाएं...
 
आप अपने पीपीएफ अकांउट को 15 साल का समय पूरा होने से पहले ही बंद कर सकते हैं और जमा हुई पूरी रकम निकाल सकते हैं. हालांकि यह केवल निश्चित परिस्थितियों में ही संभव है. गौरतलब है कि इस नियम का फायदा लेने के लिए आपके अकाउंट को कम से कम पांच साल हो चुके होने चाहिए. नियम 1 अप्रैल 2016 से लागू हो चुका है.


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