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कभी वर्गीज कुरियन ने IIM के स्नातकों को 'शैम्पू सेल्समैन' कहा था : संजीव भिखचंदानी

वर्गीज कुरियन ने एक बार प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-अहमदाबाद) के स्नातकों को ‘शैंपू सेल्समैन' कहकर उनका मजाक उड़ाया था और उनके करियर को ‘प्रतिभा की भारी बर्बादी' कहा था.
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NDTV Profit हिंदी04:38 PM IST, 20 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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वर्गीज कुरियन ने एक बार प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-अहमदाबाद) के स्नातकों को ‘शैंपू सेल्समैन' कहकर उनका मजाक उड़ाया था और उनके करियर को ‘प्रतिभा की भारी बर्बादी' कहा था. नौकरी डॉट कॉम के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने यहां यह बात कही. उन्होंने बताया कि कैसे भारत की ‘श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले कुरियन ने उनके नजरिये को बदल दिया.

करीब तीन दशक पहले भारतीय प्रबंध संस्थान- अहमदाबाद में एक दीक्षांत भाषण में कुरियन का रुख ‘पूरी तरह रूखा, व्यंग्यात्मक, कटु और अपमानजनक' था। उन्होंने स्नातकों को ताना मारा था. बिखचंदानी ने एक ट्विटर पोस्ट में तीन दशक से भी अधिक समय पहले आईआईएम-अहमदाबाद में दो भाषणों के प्रभाव की तुलना की. उस समय वह संस्थान के छात्र थे. पहला भाषण तत्कालीन सेल चेयरमैन वी कृष्णमूर्ति का उनके स्नातक दीक्षांत समारोह में दिया गया था और दूसरा उससे एक साल पहले कुरियन ने दिया था.

उन्होंने लिखा कि पहला भाषण वह जल्दी ही भूल गए, जबकि दूसरा भाषण उन्हें दशकों तक याद रहा. कुरियन की खरी बात ने उनके व्यवहार को चुनौती दी और उनके निर्णय लेने को प्रभावित किया.

बिखचंदानी ने ट्विटर पोस्ट में लिखा, ‘‘उन्होंने स्नातक कक्षा को बधाई देते हुए शुरुआत की. उन्होंने फिर कहा कि यह भारतीय प्रबंध संस्थान नहीं है. यह शैंपू सेल्समैन बनाने वाला संस्थान है. पूरी स्नातक कक्षा अब एक ऐसे जीवन की आशा कर सकती है, जहां वे अपनी जिंदगी साबुन और शैंपू बेचते हुए बिताएंगे.''

उन्होंने ‘भारतीय उपभोक्ताओं को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का माल बेचने' के लिए सिर्फ काम करने की इच्छा रखने वाले छात्रों का मजाक उड़ाया.

बिखचंदानी ने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की नौकरी छोड़ने के बाद इन्फो एज की स्थापना की, जिसके पास नौकरी डॉट कॉम, जीवनसाथी डॉट कॉम, 99एकड़ डॉट कॉम और शिक्षा डॉट कॉम का स्वामित्व है.

उनके पास जोमैटो और पॉलिसीबाज़ार डॉट कॉम में भी हिस्सेदारी है.

उन्होंने लिखा कि 1989 के बैच ने आईआईएम-अहमदाबाद के इतिहास में सबसे अधिक उद्यमी पैदा किए. उस भाषण (कुरियन के) का असर जरूर हुआ और उस साल के कुछ सफल छात्रों ने कुछ अलग किया.

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