जब हम और आप किसी मोबाइल ऐप को डाउनलोड करते हैं तो वह आपसे आपके कई प्रकार की ऐक्सेस मांगता है. कुछ मोबाइल ऐप्स द्वारा फोन ग्राहकों की सूचनाओं को मांगने के मामले को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) गंभीरता से ले रहा है.
नियामक के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि कुछ मोबाइल ऐप्स द्वारा ऐसे सूचनाएं भी मांगी जाती हैं जिनका उनके कामकाज से कोई लेना देना नहीं होता. ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि नियामक की इस पर निगाह है वह जल्द डाटा गोपनीयता और सुरक्षा पर विचार विमर्श शुरू करेगा.
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'ऐप द्वारा यदि कोई सूचना मांगी जाती है तो वह तार्किक होनी चाहिए'
शर्मा ने कहा, ‘‘कोई ऐप क्या करती है और क्या सूचना मांगी जा रही है इसमें तालमेल होना चाहिए. इस पर हम परिचर्चा पत्र लाएंगे. इस पर काम चल रहा है.’’ शुक्रवार को केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि प्रयोगकर्ता के आंकड़े जीवन के अधिकार और व्यक्तिगत आजादी का हिस्सा है जो संविधान के तहत दिया गया है. इसके संरक्षण के लिए जल्द नियमन लाया जाएगा.
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शर्मा ने हालिया साक्षात्कार में हालांकि इस मामले का उल्लेख नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसी मोबाइल ऐप द्वारा यदि कोई सूचना मांगी जाती है तो वह तार्किक होनी चाहिए और सामान्य प्रक्रिया में न्यूनतम सूचना के सिद्धान्त का अनुपालन किया जाना चाहिए.
शर्मा ने कहा कि यदि किसी ऐप को इससे मतलब नहीं है कि प्रयोगकर्ता पुरुष है या स्त्री तो इसका व्यापक सिद्धान्त है कि इसके बारे में नहीं पूछा जाना चाहिए. हालांकि, ट्राई प्रमुख ने यह नहीं बताया कि क्या इस तरह के विचार विमर्श से डाटा गोपनीयता और सुरक्षा पर नियम या नियमन आएंगे. उन्होंने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा.
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