बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि तीन सदस्यीय समिति उत्तरी ग्रिड के विफल होने की पड़ताल करेगी। इस ग्रिड में खराबी आने से सोमवार को पूरे उत्तरी क्षेत्र में बिजली गुल हो गई।
उन्होंने कहा कि ग्रिड को अगले दो घंटे में पूरी तरह बहाल कर दिया जाएगा। शिंदे ने बताया, ‘‘हमने उत्तरी ग्रिड के विफल होने की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की है। समिति अगले 15 दिनों में अपनी रपट सौंप देगी।’’
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के चेयरमैन एके बक्शी, पावरग्रिड कारपोरेशन के सीएमडी एएम नायक और पावर सिस्टम आपरेशन कारपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसके सूनी समिति के सदस्य हैं। ग्रिड के विफल होने के संभावित कारणों के बारे में मंत्री ने कहा कि समिति द्वारा रपट सौंप दिए जाने पर इसका पता चल जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यों द्वारा अधिक बिजली लेने की वजह से ग्रिड विफल हुआ, शिंदे ने कहा, ‘‘यह नहीं कहा जा सकता कि राज्यों द्वारा जरूरत से अधिक बिजली लेने से या किसी अन्य वजह से ऐसा हुआ। समिति इसका पता लगाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी हम अपनी मांग पूरी करने के लिए भूटान से बिजली प्राप्ति सहित अतिरिक्त 8,000 मेगावाट पनबिजली प्राप्त कर रहे हैं।’’ उत्तरी क्षेत्र को पूर्वी और पश्चिमी ग्रिडों से बिजली मिल रही है।
उत्तरी ग्रिड देश की आबादी के करीब 28 प्रतिशत हिस्से को बिजली की आपूर्ति करता है और इसके दायरे में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और चंडीगढ़ आते हैं।