एक समय देश में सबसे तेज़ी से उभरता टेलिकाम उद्योग अब तेज़ी से लड़खड़ा रहा है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कमर तोड़ दी है. वोडाफोन और एयरटेल राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं और Adjusted Gross Revenue यानी AGR पर दिए फ़ैसले पर फिर से विचार की गुज़ारिश कोर्ट से कर सकते हैं.
गुरुवार को ही वोडाफ़ोन ने ऐलान किया था कि दूसरी तिमाही में उसे 50921 करोड़ का नुकसान हुआ है जबकि इस तिमाही में एयरटेल को 23045 करोड़ का घाटा हुआ है. सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के डीजी राजन मैथ्यूज़ ने कहा कि संभावना है कि एयरटेल और वोडाफोन दोनों सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करें.
सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के मुताबिक राहत पैकेज की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद टेलीकॉम ऑपरेटर्स का कुल घाटा बढ़कर 4.72 लाख करोड़ पहुंच गया है. वो चाहते हैं कि घाटा कम करने में सरकार मदद करे. सरकार लाइसेन्स फीस और स्पेक्ट्रम यूज़ेस चार्ज घटाए. करीब 35,000 करोड़ रुपये जीएसटी रिफंड में फंसे हैं.
राजन मैथ्यूज़ ने कहा कि टेलिकॉम उद्योग बुरे हालात में है. कोर्ट के फैसले के बाद अब टेलिकॉम ऑपरेटरों का कुल कर्ज 4.72 लाख करोड़ हो गया है. यह टेलीकॉम ऑपरेटरों को पंगु बना रहा है.साफ है, संकट बड़ा है...टैलिकाम सेक्टर पर कर्ज़ का बोझ बढ़कर 7.6 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है...अब देखना होगा कि संकट से निपटने के लिए गठित सचिवों की समिति क्या रोडमैप तैयार करती है.