सुप्रीम कोर्ट ने आज बीएसईएस यमुना प्रा. लि को निर्देश दिया कि बिजली उत्पादन और संप्रेषण करने वाली कंपनियों की जनवरी से जून की अवधि की बकाया राशि का भुगतान 15 जुलाई तक किया जाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि बीएसईएस यमुना प्रा. लि बिजली उत्पादन और संप्रेषण करने वाली कंपनी को 6 मई, 2014 के आदेश में दर्ज आंकड़ों के आधार पर हर महीने भुगतान करती रहेगी।
प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, हम संतुष्ट हैं कि बीएसईएस यमुना प्रा. लि को 30 जून की स्थिति के अनुसार बकाया राशि का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने उसके समक्ष पेश खाते के विवरण को रिकार्ड में लेते हुए कहा, कंपनी बिजली उत्पादन और संप्रेषण करने वाली कंपनियों द्वारा बताई गई राशि का तत्काल भुगतान करेगी और यह किसी भी स्थिति में 15 जुलाई के बाद नहीं होगा।
हालांकि कोर्ट को सूचित किया गया कि बीएसईएस राजधानी पहले ही बकाया राशि का 94 फीसदी भुगतान कर चुकी है।
कोर्ट ने इस मामले को 2 महीने बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रकरण के विभिन्न मुद्दों पर बाद में विचार किया जाएगा।
बीएसईएस यमुना के चांदनी चौक, दरियागंज, पहाड़गंज, शंकर रोड, पटेल नगर, कृष्णा नगर, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार और यमुना विहार सहित केन्द्रीय और पूर्वी दिल्ली में 13.5 लाख उपभोक्ता हैं।
बीएसईएस राजधानी दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के अलकनंदा, वसंतकुंज, साकेत, नेहरू प्लेस, निजामुद्दीन, सरिता विहार, हौज खास, आरके पुरम, जनकपुरी, पंजाब बाग, टैगोर गार्डन, विकास पुरी, पालम और द्वारका इलाकों में 18.5 लाख उपभोक्ता हैं।