सरकार स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा को बढ़ाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है क्योंकि उसकी योजना स्पेक्ट्रम बोली प्रक्रिया 12 नवंबर से शुरू कर जनवरी 2013 में इसका आवंटन करने की है।
दूरसंचार पर अधिकार प्राप्त मंत्री समूह (ईजीओएम) की बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उच्चतम न्यायालय से और समय मांगने का फैसला किया गया। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी की जानी है। सरकार उच्चतम न्यायालय से नीलामी शुरू करने के लिए नवंबर तक का समय मांग सकती है।
मंत्री समूह की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ‘नीलामी कराने वाले कंपनी ने हमें इसका कार्यक्रम दे दिया है। हम उच्चतम न्यायालय से संपर्क कर अभी तक सरकार द्वारा की गई प्रक्रिया के तथ्य रखेंगे। स्पेक्ट्रम की नीलामी 31 अगस्त तक कराना संभव नहीं है।’
दूरसंचार विभाग द्वारा तैयार कार्य्रकम के अनुसार बोली 12 नवंबर को शुरू होने की संभावना है।
एक अधिकारी ने कहा, 'नीलामी को पूरा करने में लगने वाले दिनों की संख्या वास्तविक बोलदाताओं के व्यवहार पर निर्भर करती है। दूरसंचार विभाग का मानना है कि वह 30 जनवरी 2013 तक स्पेक्ट्रम आवंटित कर देगा।'
उच्चतम न्यायालय ने इसी साल दो फरवरी को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में दिए गए 2जी मोबाइल सेवाओं के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे। शीर्ष अदालत ने सरकार को खाली हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी 31 अगस्त तक संपन्न करने का निर्देश दिया था। साथ ही अदालत ने रद्द लाइसेंसों की वैधता अवधि सात सितंबर तक बढ़ा दी थी।
सिस्तेमा श्याम, यूनिनॉर तथा वीडियोकॉन जैसी कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी काफी महत्वपूर्ण है। उनके लिए अपने परिचालन को जारी रखने के लिए स्पेक्ट्रम हासिल करना जरूरी है।