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शेयर बाजार : तिमाही परिणामों पर रहेगी निवेशकों की नजर

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाह कंपनियों द्वारा पेश की जा रही पिछले वित्तवर्ष की आखिरी तिमाही और संपूर्ण कारोबारी वर्ष के परिणामों पर टिकी रहेगी।
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NDTV Profit हिंदी11:46 AM IST, 04 May 2014NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाह कंपनियों द्वारा पेश की जा रही पिछले वित्तवर्ष की आखिरी तिमाही और संपूर्ण कारोबारी वर्ष के परिणामों पर टिकी रहेगी।

इसके अलावा निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते देश भर में चल रहे आम चुनावों, विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझानों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल मूल्य पर भी टिकी रहेगी।

अगले सप्ताह से निवेशकों की नजर कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले जनवरी-मार्च 2014 तिमाही और 2013-14 कारोबारी वर्ष के परिणामों की घोषणा पर भी टिकी रहेगी। निवेशक परिणामों के साथ आने वाले आय के अनुमानों से निवेश की रणनीति तय करेंगे। परिणाम जारी करने का दौर मई के आखिरी तक चलेगा।

सोमवार को कैनरा बैंक और पैंटलूंस, मंगलवार को एचडीएफसी और टाइटन, बुधवार को इलाहाबाद बैंक और प्रोक्टर एंड गैंबल, गुरुवार को एनडीटीवी और यूनियन बैंक और शुक्रवार को एचटी मीडिया और आयशर मोटर्स अपने परिणामों की घोषणा करेंगी।

आम चुनाव संबंधी गतिविधि और उसके परिणाम भी आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 7 अप्रैल को शुरू हो चुका है। यह 12 मई को समाप्त होगा। मतगणना 16 मई को होगी। मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 1 जून को समाप्त होगा और नई लोकसभा का गठन 31 मई तक कर लिया जाना है।

भारतीय रिजर्व बैंक अगली बार मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा तीन जून को करेगा। बैंक ने 1 अप्रैल की घोषणा में पिछली दरों को यथावत रखा था।

आने वाले दिनों में मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मानसून सत्र में बारिश कम होने की भविष्यवाणी का प्रभाव भी शेयर बाजार पर देखा जा सकता है। गुरुवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी मानसून के मौसम (जून-सितंबर) में बारिश कम होने की भविष्यवाणी की है।

मौसम कार्यालय की भविष्यवाणी के मुताबिक, मानसूनी बारिश पांच फीसदी की घट-बढ़ की मॉडल त्रुटि के साथ 89 सेंटीमीटर के दीर्घावधि औसत के 95 फीसदी रहने का अनुमान जताया।

मानसून का देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होता है। इसके कमजोर रहने से कृषि प्रभावित हो सकती है, महंगाई बढ़ सकती है और इससे अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।

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