बैंकों में जमा राशि की सरकार दे गारंटी, बजट 23 के लिए वित्तमंत्री से मांग

वॉयस ऑफ बैंकिंग की ओर से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बैंक ग्राहकों की ओर कुछ सुझाव दिए गए हैं.

बैंकों में जमा राशि की सरकार दे गारंटी, बजट 23 के लिए वित्तमंत्री से मांग

बैंकों में जमा राशि की सरकार दे गारंटी.

नई दिल्ली:

बजट 2023-24 को तैयार करने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया है. ऐसे में बैंकों से जुड़े करोड़ों ग्राहकों की भी कई समस्याएं हैं जिनका समय पर समाधान जरूरी है और राहत देना भी आवश्यक है. देश में कई संस्थाएं इस काम में लगी हैं जो बैंक ग्राहकों की समस्याओं को पहचानने और उनके निराकरण के काम कर रही हैं. ऐसे में वॉयस ऑफ बैंकिंग की ओर से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बैंक ग्राहकों की ओर कुछ सुझाव दिए गए हैं.

पांच लाख से ज्यादा जमा राशि के लिए भी डिपाजिट बीमा की सुविधा

सरकार ने बैंक ग्राहकों के लिए जमा राशि की सुरक्षा को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया था. इससे बैंकों के ग्राहकों को बड़ी राहत मिली और वह अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बैंकों के अनुसार 98.3% ग्राहक इस सुरक्षा कवच में आ जाते हैं, लेकिन जिन ग्राहकों की जमा राशि 5 लाख से अधिक है और उनको लगता है कि उनकी बैंकों में जमा राशि सुरक्षित नहीं है. उनके लिए एक विशेष डिपाजिट बीमा की शुरुआत करनी चाहिए जिसके द्वारा ग्राहक 5 लाख से अधिक की अपनी जमा राशि को कुछ प्रीमियम देकर सुरक्षित रख सकते हैं. सरकार के इस कदम से ग्राहकों को राहत महसूस होगी वहीं बैंकों से ग्राहक अपनी जमापूंजी दूसरी जगह जेसे चिटफंड, क्रिप्टो करेंसी, शेयर मार्किट या ऐसे अन्य जगह पर इन्वेस्ट नहीं करेंगे.

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एकीकृत शिकायत पोर्टल
रिजर्व बैंक को ग्राहकों की सुविधा के लिये एकीकृत शिकायत पोर्टल को सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के ग्राहकों की सभी तरह की शिकायतों के लिये भी शुरू करना चाहिये. अभी किसी भी तरह की शिकायत के लिए ग्राहक सम्बंधित बैंक में अपनी शिकायत करता है, ज्यादातर ग्राहक अपनी शिकायत को बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रिय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यालय और बैंकों के चेयरमैन तक को अलग अलग कर देते हैं, जिससे एक ही शिकायत पर सभी जगहों पर अलग अलग कार्यवाही शुरू हो जाती है और एक ही शिकायत के लिए बैंकों की श्रमशक्ति का नुक्सान होता है. 
यदि बैंकों के लिए भी एकीकृत शिकायत पोर्टल की शुरुआत होती है तो ग्राहक किसी भी बैंक की शिकायत एक पोर्टल पर करेगा और उस पोर्टल से शिकायत को सम्बंधित बैंक को भेज दिया जायेगा और ग्राहकों को शिकायत के लिय अलग अलग अधिकारीयों और कार्यालयों को भेजना नहीं पड़ेगा. 
इससे बैंकों की कार्यक्षमता में भी लाभ होगा. इस एकीकृत शिकायत पोर्टल में शिकायत दर्ज होने के बाद यदि एक निश्चित समय में शिकायत का समाधान नहीं होता तो ऐसी शिकायत अपने आप भारतीय रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना के पोर्टल पर चली जाएगी जिससे ग्राहक को 30 दिनों में शिकायत का समाधान न होने की स्थिति में अलग से शिकायत नहीं करनी पड़ेगी.
बैंकों में एक दिन में सेंकड़ों शिकायतें आती हैं और अलग-अलग जगहों बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रिय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन को भेजने से सेंकड़ों शिकायतें हजारों में तबदील हो जाती हैं. एकीकृत शिकायत पोर्टल से जहाँ कम कर्मचारियों के साथ बैंक शिकायतों का समाधान कर सकेंगे वहीं ग्राहक पोर्टल के द्वारा अपनी शिकायत की स्थिति की जानकारी भी ले सकेंगे.