सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने प्रैक्सिस होम रिटेल के शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश की सार्वजनिक घोषणा करने में विफल रहने पर फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज (Future Corporate Resources), किशोर बियानी (Kishore Biyani) और 13 अन्य पर कुल 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही मार्केट रेगुलेटर ने इन लोगों को 45 दिन में जुर्माना की राशि अदा करने को कहा है.
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी जांच में पाया कि फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (एफसीआरएल), 14 अन्य यूनिट्स के साथ प्रैक्सिस में एफसीआरएल की हिस्सेदारी में वृद्धि के बाद खुली पेशकश की सार्वजनिक घोषणा करने में विफल रही. प्रैक्सिस के कुल 30 लाख इक्विटी शेयरों को इसकी एक प्रमोटर यूनिट एफसीआरएल को आवंटित किया गया था. एफसीआरएल ने 3,180 कम्पलसरी कन्वर्टिबल डिबेंचर (CCD) को बदलने का विकल्प चुना था. उसे कुल 7,500 सीसीडी आवंटित किए गए थे.
सीसीडी को बदलने का विकल्प चुनने के बाद प्रैक्सिस में एफसीआरएल की हिस्सेदारी दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में 47.43 प्रतिशत से बढ़कर 53.13 प्रतिशत हो गई थी. उसकी शेयरधारिता में 11 फरवरी, 2020 तक 5.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
सेबी के शुक्रवार को जारी आदेश के मुताबिक, ‘चूंकि आवंटन के बाद प्रैक्सिस में एफसीआरएल की शेयरधारिता में 5.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो पांच प्रतिशत से अधिक है, ऐसे में एफसीआरएल और अन्य को शेयरों के पर्याप्त अधिग्रहण और खरीद-एसएएसटी नियमन के तहत खुली पेशकश की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए थी. सेबी ने पाया कि इन 15 यूनिट्स ने इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की.
इसके बाद सेबी ने एफसीआरएल पर 10 लाख रुपये और 14 अन्य यूनिट्स किशोर बियानी, अकार एस्टेट एंड फाइनेंस, सरप्लस फिनवेस्ट, रिटेल ट्रस्ट, अनिल बियानी, अशनी किशोर बियानी, अवनी बियानी, गोपीकिशन बियानी, लक्ष्मीनारायण बियानी, राकेश बियानी, सुनील बियानी, विजय बियानी और विवेक बियानी पर सामूहिक रूप से 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.