रिलायंस इंडस्ट्रीज ने केजी-डी6 ब्लॉक में अपने खर्च का वित्तीय अंकेक्षण (फिनांशियल ऑडिट) सरकारी अंकेक्षक कैग से करवाने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही कंपनी सभी सम्बद्ध दस्तावेज उपलब्ध कराने को तैयार है।
जानकार सूत्रों ने बताया कि हालांकि कंपनी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्पादन अंकेक्षण के अधिकार पर सवाल उठाया है। कंपनी का कहना है कि केजी-डी6 परियोजना के विकास के लिए उसने उसने सरकार जो समझौता किया है उसमें इस तरह की समीक्षा के लिए कोई स्थान नहीं है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले महीने तेल मंत्रालय को कहा था कि वह कैग से वित्तीय अंकेक्षण का स्वागत करेगी। यह काम अब तक सरकार द्वारा नियुक्त निजी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स करते रहे हैं।
कंपनी ने सरकार से कहा है कि पीएससी के तहत निष्पादन अंकेक्षण की गुंजाइश नहीं है। सूत्रों के अनुसार रिलायंस ने कहा है कि वह कैग द्वारा आडिट के लिए सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराएगी। नियमित या वित्तीय अंकेक्षण में खर्च तथा धन के इस्तेमाल संबंधी रपटों की जांच की जाती है वहीं परफारमेंस आडिट में यह देखा जाता है कि धन कितने प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया गया।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि उसने पिछले दो साल में केजी-डी6 ब्लाक में रिलायंस के परिचालन तथा अन्य निवेश को मंजूरी नहीं दी थी क्योंकि रिलायंस ने संबंधित बही खातों की जानकारी कैग को देने से इनकार किया है।