बिल्डरों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए लाया गया रियल एस्टेट क़ानून आज से देशभर में लागू हो रहा है। नए क़ानून में बिल्डरों की जवाबदेही तय की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह मकान खरीदने वालों के लिए हितों को सुरक्षा प्रदान करेगा।
रियल एस्टेट बिल 2016 : मकान खरीदने वालों के हितों की सुरक्षा यह कैसे करता है, जानें
इस बिल के बाद से बिल्डरों को तय समय सीमा के अंदर ही ख़रीदारों को फ़्लैट देना होगा। प्रोजेक्ट की बिक्री सुपर एरिया पर नहीं कॉरपेट एरिया पर करनी होगी। पजेशन में देरी होने या कंस्ट्रक्शन में दोषी पाए जाने पर बिल्डरों को ब्याज और जुर्माना दोनों देना होगा। अगर कोई बिल्डर ख़रीदार के साथ धोखाधड़ी का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन साल की सज़ा होगी।
इसके अलावा बिल्डरों को ख़रीदारों से लिया 70% पैसा प्रोजेक्ट के अकाउंट में ही रखना होगा। सभी राज्यों में रीयल एस्टेट अथॉरिटी होगी जिसके साथ बिल्डरों और रीयल एस्टेट एजेंट को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।