उद्योग मंडल सीआईआई ने भारतीय रिजर्व बैंक से मांग की है कि वह रेपो दर में तत्काल कम से कम 0.50 प्रतिशत (50 आधार अंक) की कटौती करे, ताकि निवेश को बल दिया जा सके। इसके साथ ही सीआईआई चाहता है कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी 0.75 प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए।
सीआईआई ने कहा है कि ऊंची ब्याज लागत तथा घटते निवेश से औद्योगिक तथा आर्थिक वृद्धि बुरी तरह प्रभावित हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही की समीक्षा 30 अक्टूबर को जारी करेगा। सीआईआई ने एक बयान में कहा है, रिजर्व बैंक को रेपो दर में 0.50 प्रतिशत तत्काल तथा 0.50 प्रतिशत और बाकी वित्तवर्ष के दौरान कमी करनी चाहिए। इसके अलावा उद्योग मंडल ने सीआरआर में 0.75 प्रतिशत कमी की मांग की है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, इससे कारोबारी धारणा ही मजबूत नहीं होगी, बल्कि कंपनियां वहनीय लागत पर धन जुटा पाएंगी, ताकि अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी न हो। देश में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल अगस्त के दौरान 0.4 प्रतिशत रही, जो पिछले साल समान अवधि में 5.6 प्रतिशत थी।