रुपये में भारी उतार चढ़ाव को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और बाजार नियामक सेबी द्वारा उठाए गए कदमों के बाद रुपया बुधवार को 49 पैसे की मजबूती के साथ 59.65 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। विदेशों में डॉलर में कमजोरी के बीच बैंकों और निर्यातकों ने अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली की, इससे भी रुपये को मजबूती मिली।
विदेशी मुद्रा डीलरों के अनुसार शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की लिवाली से से भी बाजार को समर्थन प्राप्त हुआ।
रुपये को इससे भी समर्थन मिला जब रुपये में भारी उतार चढ़ाव रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने तेल कंपनियों को आदेश दिया कि वे अपनी डॉलर आवश्यकता को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से डॉलर खरीदें।
सोमवार को रुपये के 61.21 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर तक गिरने के बाद मुद्रा वायदा एवं विकल्प बाजार में सट्टेबाजी रोकने के लिए केन्द्रीय बैंक और सेबी द्वारा ये कदम उठाए गए।
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज 59.99 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और 59.63 रुपये प्रति डॉलर तक मजबूत होने के बाद 49 पैसे अथवा 0.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 59.65 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विगत दो दिनों में रुपये में 96 पैसे की तेजी आई है। इससे पहले 28 जून को रुपया 80 पैसे मजबूत हुआ था।
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज 145.36 अंक अथवा 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,294.12 अंक पर बंद हुआ। नियामकों द्वारा उठाए गए कदमों की बदौलत रुपया को मदद मिली और हाजिर और वायदा भावों में अंतर कम हुआ।
इस बीच रिजर्व बैंक ने डॉलर-रुपये की संदर्भ दर 60.1330 रुपये प्रति डॉलर और यूरो के लिए 76.8915 रुपये प्रति यूरो निर्धारित किया। पौंड और यूरो के मुकाबले रुपये में लाभ दर्ज हुआ जबकि जापानी येन के मुकाबले इसमें गिरावट आई।