रिजर्व बैंक ने आज कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के अभाव में वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत से नीचे आ सकती है, लेकिन अगले वित्त वर्ष में इसके सुधरकर 5.5 प्रतिशत तक रहने की संभावना है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा के साथ वृहत्-आर्थिक एवं मौद्रिक विकास रपट जारी करते हुए कहा, लगातार दो महीने से औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के मद्देनजर 2013-14 की दूसरी छमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में तेजी की संभावना कम हुई है। रपट में कहा गया कि आर्थिक वृद्धि पांच प्रतिशत के औसत अनुमान से कुछ कम रहेगी।
वित्त वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 के लिए वृद्धि दर पांच से छह प्रतिशत के दायरे में रहेगी और इस तरह अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर औसतन 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।