रेल मंत्रालय ने मंगलवार को अपने किराया वापसी के नियमों में व्यापक बदलाव किया जिसके तहत यात्रियों को अधिकतम धन वापसी के लिए अपना टिकट मौजूदा 24 घंटे के नियम के बजाय यात्रा के कम से कम 48 घंटे पहले रद्द कराना होगा।
नये नियम प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की टिकट जल्दी पक्की करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं और ये 1 जुलाई से प्रभाव में आ जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों को अब अपने पक्के टिकटों के रद्दीकरण पर 25 प्रतिशत शुल्क कटौती के बाद शेष धन वापसी के लिए टिकट को ट्रेन के प्रस्थान समय से पूर्व 48 घंटे के भीतर और कम से कम छह घंटे पहले तक रद्द कराना होगा। मौजूदा नियमों में यात्रा शुरू होने से कम से कम चार घंटे पहले तक टिकट निरस्त कराया जा सकता है।
रेलवे प्रति यात्री न्यूनतम रद्दीकरण शुल्क में भी बदलाव कर रहा है। एसी प्रथम श्रेणी के लिए यह दर 120 रुपये, एसी द्वितीय श्रेणी के लिए 100 रुपये, एसी तृतीय श्रेणी और चेयरकार के लिए 90 रुपये, स्लीपर श्रेणी के लिए 60 रुपये और द्वितीय श्रेणी के लिए 30 रुपये होगी।
यदि टिकट को ट्रेन रवाना होने के निर्धारित समय से छह घंटे पहले से लेकर वास्तविक प्रस्थान समय से दो घंटे बाद तक रद्द कराया जाता है तो 50 प्रतिशत कटौती की जाएगी।
आगामी 30 जून तक प्रभावी मौजूदा नियमों के अनुसार यात्रा की दूरी 500 किलोमीटर या अधिक होने पर ट्रेन के प्रस्थान करने के 12 घंटे बाद तक टिकट रद्द कराने की अनुमति होती है। नए नियमों के मुताबिक यदि आरक्षित टिकट को रद्दीकरण के लिए ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान समय से दो घंटे के बाद जमा किया जाता है तो कोई रिफंड नहीं किया जाएगा।