नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) को भुगतान में असफल (डिफॉल्ट) रहने वाली 27 कंपनियों में से कम से कम दो ने चपरासी त्था सुरक्षा गार्डों को (नकली) निदेशक नियुक्त कर रखा था।
एनएसईएल में 5600 करोड़ रुपये के भुगतान संकट की जांच में शामिल एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह खुलासा उस समय हुआ जबकि डिफॉल्टर कंपनियों के निदेशक मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के सम्मन के बाद सामने आना शुरू हुए।
शाखा के एक अधिकारी ने बताया, 'हमने एनएसईएल व डिफॉल्टर कंपनियों के निदेशकों सहित 70 से अधिक लोगों को सम्मन जारी किए। दो डिफॉल्टर कंपनियों के पांच से छह लोग आए और दावा किया कि वे तो वास्तव में चपरासी तथा सुरक्षा गार्ड हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इन फर्मों के परिचालन की कोई जानकारी नहीं है और न ही उनका इस घपले से कोई लेना-देना है। अधिकारी ने इन कंपनियों का नाम नहीं बताया।
इस बीच एनएसईएल मंगलवार को आठवीं बार भी भुगतान में चूक गई। कंपनी को अपने निवेशकों को 174.72 करोड़ रुपये का भुगतान करना था लेकिन वह केवल 2.85 करोड़ रुपये का ही भुगतान कर पाई।
कंपनी पिछले छह अवसरों पर भुगतान में डिफॉल्ट रही तो सातवीं बार आर्थिक अपराध शाखा द्वारा खाते सीज कर दिए जाने के कारण भुगतान नहीं हो सका था।