
रेल मित्र को संविदा से नियमित करने की योजना नहीं.
अकसर हम देखा करते थे कि रेलवे फाटक पर छोटी मोटी दुर्घटना होती रहती थी. मानवरहित रेलवे फाटकों पर दुर्घनाओं में माल के साथ जानहानि की घटनाएं भी आम हो गई थी. कई सरकारों ने इस दिशा में कदम उठाए और प्रयास किया कि दुर्घटनाएं न हों, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. इसके बाद सरकार ने मानवरहित रेल फाटकों को समाप्त करने की योजना बनाई और इस बीच हजारों रेल मित्रों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की गई ताकि दुर्घटना पर अंकुश लगाया जाए.
इन दिनों संसद का सत्र जारी है और संसद में सांसदों द्वारा कई मुद्दों को उठाया जाता है. ऐसे ही सांसद विजय कुमार दुबे ने रेल मंत्रालय से रेल मित्रों से संबंधित सवाल पूछा और मानवरहित रेल फाटकों से जुड़ा प्रश्न भी पूछा. उन्होंने पूछा कि
क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) उत्तर प्रदेश में मानवरहित समपारों पर तैनात रेल मित्रों का जिलावार ब्यौरा क्या है;
(ख) रेल मित्रों को दी जा रही सुविधाओं और लाभों का ब्यौरा क्या है;
(ग) क्या सरकार का रेल मित्रों की नियुक्ति संविदा के बजाय स्थायी आधार पर करने का विचार है; और
(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब में कहा कि
(क) से (घ) विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है.
रेल मित्र के संबंध में लोक सभा में विजय कुमार दुबे द्वारा पूछे जाने वाले तारांकित प्रश्न सं. 118 के भाग (क) से (घ) के उत्तर से संबंधित विवरण इस प्रकार है.
(क) से (घ) - भारतीय रेल के बड़ी लाइन नेटवर्क पर बिना चौकीदार वाले सभी रेल फाटकों को 31.01.2019 तक समाप्त कर दिया गया है. इस समय, उत्तर प्रदेश में रेल फाटकों पर कोई रेल मित्र (गेट मित्र) तैनात नहीं हैं और सरकार की संविदागत के स्थान पर स्थायी आधार पर रेल मित्र (गेट मित्र) नियुक्त करने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि 2019 से उत्तर प्रदेश में रेल मित्र (गेट मित्र) की तैनाती बंद कर दी गई है.