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सोशल मीडिया पर प्रोडक्ट इंडोर्समेंट करने को लेकर नई गाइलाइंस जारी, लग सकता है 50 लाख तक का जुर्माना

इस कानून में प्रावधान है कि सेलिब्रिटी को गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने पर सीमित समय के लिए किसी भी प्रोडक्ट को इंडोर्स करने से रोका जा सकता है. इतना ही नहीं, उनपर पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है.
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NDTV Profit हिंदी05:21 PM IST, 20 Jan 2023NDTV Profit हिंदी
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New rules For Product Endorsements: सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक एडवरटाइजमेंट (Advertisement) पर नकेल कसने के लिए  उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शुक्रवार को एक सख्त गाइडलाइन्स जारी किया है. इसके तहत अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कंपनियों का प्रोडक्ट इंडोर्समेंट (Product Endorsement) करने वाले हर सेलिब्रिटी, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर या वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को ये बताना अनिवार्य होगा कि उन्होंने पैसे लेकर किसी प्रोडक्ट का प्रचार किया है या उस प्रोडक्ट के इंडोर्समेंट में उनका कोई निजी कमर्शियल या फाइनेंशियल इंटरेस्ट शामिल है. एनडीटीवी से बातचीत में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ये बात कही है.  

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने  NDTV से कहा, " कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के अधीन हमने गाइडलाइन जारी किए हैं. कोई भी गलत तरीके से सोशल मीडिया पर व्यापार नहीं कर सकता है.इसके तहत भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए हमने गाइडलाइंस जारी किए हैं,  जो कंज्यूमर हैं उन्हें यह डिस्क्लोजर दिया जाना चाहिए कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर  लोग पैसे लेकर विज्ञापन करते हैं".

उन्होंने कहा कि नई गाइडलाइन्स के तहत अब हर सेलिब्रिटी, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रमुखता से बताना होगा की ये प्रोडक्ट इंडोर्समेंट 'पेड' है या 'पेड प्रमोशन' है. अगर वो किसी प्रोडक्ट का वीडियो जारी कर उसका इंडोर्समेंट करते हैं तो उन्हें पूरे वीडियो में ये बात साफ़ शब्दों में लिखनी होगी.
ये नियम किसी प्रोडक्ट इंडोर्समेंट की लाइव स्ट्रीमिंग पर भी लागू होगी. इसके साथ ही, प्रोडक्ट इंडोर्समेंट और पेड कंटेंट का डिसक्लोजर की भाषा भी एक होनी चाहिए.

अगर कोई सेलिब्रिटी या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर नए गाइडलाइन्स का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. रोहित कुमार सिंह ने NDTV से कहा, " इस कानून में प्रावधान है कि सेलिब्रिटी को गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने पर सीमित समय के लिए किसी भी प्रोडक्ट को इंडोर्स करने से रोका जा सकता है. इतना ही नहीं, उनपर पेनाल्टी लगाई जा सकती है. इसके तहत उन्हें 6 महीने से 2 साल तक प्रोडक्ट इंडोर्स करने से रोका जा सकता है और 10 लाख से 50  लाख तक का जुर्माना भी  लगाया जा सकता है". 

ये नयई गाइडलाइन्स शुक्रवार से ही पूरे देश में लागू कर दी गयई हैं. अब कोई भी सोशल मीडिया यूजर या उपभोक्ता नियमों का उल्लंघन होने पर इसकी शिकायत सेंट्रल कंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी से कर सकेगा.

 मंत्रालय के मुताबिक आज देश में करीब 1-लाख सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स हैं और सोशल मीडिया पर प्रोडक्ट इंडोर्समेंट का बाज़ार लगातार बढ़ता जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक, अगले दो साल में प्रोडक्ट इंडोर्समेंट का मार्केट 2800 करोड़ से ज़्यादा का हो जायेगा. अब सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी (Central Consumer ProtectionAuthority)  के सामने अगली चुनौती इस नए गाइडलाइन्स को सख्ती से लागू करने की होगी.

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