वित्त मंत्रालय ने एचएसबीसी बैंक से भारतीय नागरिकों के खातों के बारे में लीक हुई जानकारी की जांच कराने का फैसला किया है। सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस ने फ्रांस के एक अखबार और पत्रकारों की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की मदद से एचएसबीसी बैंक से लीक हुई जानकारी के आधार पर विदेशी ब्रांचों में भारतीय खाताधारकों की नई लिस्ट जारी की जिसमें 1195 लोगों के नाम हैं। इनके खातों में कुल 25 हज़ार 420 करोड़ रुपये जमा हैं।
ये खाते नेता से लेकर उद्योगपतियों तक के हैं। हालांकि अखबार ने ये साफ किया है कि इन बैंक खातों की जांच किए बगैर ये कहना गलत होगी कि ये पैसा भारत में गलत तरीके से कमाया गया और फिर चोरी-छिपे विदेश ले जाया गया।
इस खुलासे पर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, "इसमें कुछ अतिरिक्त नाम भी हैं। अगर ये एडिशनल नाम रेसिडेन्ट इंडियन्स के हों और उनका एकाउंट वहां हो तो उनके खिलाफ केस बनता है"।
इनकम टैक्स विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा कि 2011 में भारत को फ्रांसिसी सरकार की तरफ से दी गई 628 बैंक खातों की जिस तरह जांच की गई थी...इस नई लिस्ट की जांच भी उसी तर्ज़ पर की जाएगी। फ्रांस सरकार की तरफ से दी गई बैंक खातों की तहकीकात कर चुके इस अधिकारी ने कहा कि नई लिस्ट में कई पुराने नाम भी हैं। पहले चरण की जांच में प्राथमिकता नए नामों की सूची तैयार करने पर होगी। जैंसे ही इन्कम टैक्स विभाग के साथ ये नई लिस्ट शेयर की जाएगी विभाग जांच की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक पिछले करीब चार साल में फ्रांस सरकार की तरफ से दिए गए 628 बैंक खातों की जांच के दौरान 200 खाते ऐसे मिले थे जो एनआरआई के थे या फिर उनका कुछ पता नहीं चल सका। बांकि के 428 विदेशी बैंक खातों में 4500 करोड़ रुपये जमा पाए गए। इनमें 3150 करोड़ रुपये बेनामी थे जिसपर कार्रवाई की गई। इनमें से 60 मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
साथ ही, तैयारी अब व्हिसलब्लोअर फैलसियानी से जानकारी लेने की भी है जो इस मामले से संबंधित जानकारियां साझा करने को तैयार हैं। टैक्स डिपार्टमेन्ट ने एचएसबीसी की स्विस शाखा में अघोषित बैंक खातों की जानकारी लीक करने वाले विसल-ब्लोअर फैलसियानी से संपर्क साधा है और उससे एचएसबीसी बैंक एकाउंटों के बारे में सारी जानकारी मांगी है। फिलहाल विभाग को उसके जवाब का इंतज़ार है।
एनडीटीवी से खास बातचीत में फैलसियानी ने कहा कि वह भारत के साथ सारी जानकारी शेयर करेंगे। इसके एवज में भारत सरकार ने उन्हें रिवार्ड देने का भी फैसला किया है। फैलसियानी ने कहा कि जो भी रकम उन्हें रिवार्ड के तौर पर मिलेगी उसका इस्तेमाल वह भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम छेड़ने पर खर्च करेंगे।
उधर वित्त मंत्रालय ने विदेशों में भारतीय नागरिकों के अघोषित बैंक खातों से जुड़ी जो भी पुख्ता जानकारी मिली है....ऐसे 600 मामलों में विदेशी सरकारों से मदद मांगी गई है।