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भारत समेत एशिया-प्रशांत के देश झटकों को झेलने में समर्थ : मूडीज

साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने आज कहा कि भारत समेत एशिया प्रशांत क्षेत्र की उभरती अर्थव्यवस्थाएं बाह्य झटकों से बचने में काफी हद तक समर्थ हैं, लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
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NDTV Profit हिंदी03:03 PM IST, 23 Apr 2015NDTV Profit हिंदी
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साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने आज कहा कि भारत समेत एशिया प्रशांत क्षेत्र की उभरती अर्थव्यवस्थाएं बाह्य झटकों से बचने में काफी हद तक समर्थ हैं, लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

मूडीज ने कहा, इस क्षेत्र में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक चुनौती उभरेगी जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाना शुरू करेगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कहा, एशिया प्रशांत के देशों में आमतौर पर बाह्य भुगतान स्थिति अच्छी है और सरकारी ऋण की स्थिति भी विश्व के अन्य क्षेत्रों के देशों के मुकाबले बेहतर है। एजेंसी ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में बाह्य झटकों से बचने का सामर्थ्य अपेक्षाकृत अधिक है, लेकिन उनका रेटिंग परिदृश्य अलग-अलग है, क्योंकि कुछ महत्वाकांक्षी सुधार की ओर अग्रसर हैं, जबकि अन्य लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों से जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा, साख की गुणवत्ता के लिए प्रमुख जोखिम यह है कि सरकार नीतिगत प्रतिबद्धताओं पर खरी उतरती है या नहीं। मूडीज ने भारत को सकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीएए-3’ की रेटिंग प्रदान की है।

अनुमान है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जून या सितंबर तक ब्याज दरें बढ़ाएगा, यह ऐसी पहल है, जिससे भारत समेत उभरते बाजारों से पूंजी की निकासी होगी।

एजेंसी ने कहा, किक एशिया प्रशांत के ज्यादातर देश पेट्रोलियम आयातक हैं और हाल में कच्चे तेल में हालिया नरमी को इस क्षेत्र में सकारात्मक असर होगा।

मूडीज ने कहा, ऊर्जा लागत में बचत से विभिन्न देशों को अपने बजट घाटे पर नियंत्रण और राजकोषीय बफर तैयार करने में मदद मिलेगी।

चीन के संबंध में एजेंसी ने कहा कि घटती वृद्धि दर और वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी आने वाले दिनों में एशिया प्रशांत के प्रदर्शन को प्रभावित करेगी। मूडीज ने कहा, इस क्षेत्र के जिंस निर्यातक चीन की आर्थिक वृद्धि में नरमी के नए सामान्य स्तर को सबसे अधिक प्रभावित कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया है कि भारत 2015-16 में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ चीन का पीछा छोड़ देगा। ऐसा नीतिगत पहल, निवेश में बढ़ोतरी और तेल की कीमतों में नरमी के कारण होगा।

एजेंसी ने कहा, हालांकि ऐसे ऋण से निजी खपत में वृद्धि कम होगी, जिससे आर्थिक विस्तार सीमित हो सकता है। खुदरा ऋण के बड़े हिस्सों पर परिवर्ती दर लागू होती है इसलिए उपभोक्ता सीधे तौर पर वैश्विक उऋण की बढ़ती लागत के प्रति संवेदनशील हो जाएंगे, जिससे परिवारों की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ेगा।

एशिया-प्रशांत के जिन देशों को मूडीज रेटिंग प्रदान करती है उनमें भारत :बीएए3:, कोरिया :एए3:, मलेशिया :ए3:, और पाकिस्तान :सीएए1: को सकारात्मक रेटिंग परिदृश्य प्रदान किया है जबकि मंगोलिया :बी2: का परिदृश्य नकारात्मक है।

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