दूरसंचार कंपनी वोडाफोन इंडिया को ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में अदलात से बड़ी राहत मिली है। बंबई उच्च न्यायालय ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि आयकर विभाग को कंपनी से एक कॉलसेंटर की बिक्री के मामले में 8,500 करोड़ रुपये की मांग करने का अधिकार है।
ट्रांसफर प्राइसिंग का मामला 2008 का है। यह अहमदाबाद में कंपनी द्वारा अपना एक कॉल सेंटर 2007 में बेचे जाने से जुड़ा है। ट्रांसफर प्राइसिंग एक समूह की संबद्ध इकाइयों के बीच सौदों से जुड़ा होता है जो नियमत: बाजार मूल्य पर होना चाहिए। वोडाफोन ने न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील की थी जिसे न्यायाधीश एस.सी. धर्माधिकारी तथा न्यायाधीश अनिल मेनन की पीठ ने स्वीकार कर लिया।
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने पिछले साल 10 दिसंबर को कहा था कि इस कंपनी ने भारत की ही इकाई हच्चिस व्हामपोआ प्रॉपर्टीज के साथ सौदे का स्वरूप इस तरह बनाया कि ट्रांसफर प्राइसिंग के नियमों से बचा जा सके जब कि वह एक अंतरराष्ट्रीय सौदा था जहां दो संबद्ध इकाइयों के बीच हुए सौदे में दूरी बना कर रखने यानी बाजार भाव पर सौदा करने जैसी बात का पालन नहीं हुआ। हालांकि न्यायाधिकरण ने मामले को वापस आयकर विभाग को भेज दिया और वोडाफोन से वसूल की जाने वाली राशि में संशोधन करने को कहा।
वोडाफोन ने हाई कोर्ट में कहा कि आयकर विभाग के पास ट्रांसफर प्राइसिंग मामले में कोई अधिकार नहीं है क्योंकि सौदा अंतराष्ट्रीय नहीं था और इस पर कोई कर नहीं बनता।