ADVERTISEMENT

दयानिधि मारन को अदालत से बड़ी राहत, जज ने कहा - उनके खिलाफ नहीं चल सकता केस

एयरसेल-मैक्सिस केस कहे जाने वाले मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि कथित भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा. दयानिधि मारन पर जांच एजेंसियों ने एयरसेल के अधिग्रहण के लिए लगभग 700 करोड़ की किकबैक के बदले मलेशियाई ग्रुप मैक्सिस की मदद करने का आरोप लगाया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी12:34 AM IST, 03 Feb 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

एयरसेल-मैक्सिस केस कहे जाने वाले मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि कथित भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा. दयानिधि मारन पर जांच एजेंसियों ने एयरसेल के अधिग्रहण के लिए लगभग 700 करोड़ की किकबैक के बदले मलेशियाई ग्रुप मैक्सिस की मदद करने का आरोप लगाया था. सीबीआई ने वर्ष 2014 में दयानिधि मारन, उनके मीडिया मुगल कहे जाने वाले भाई कलानिधि मारन तथा मलेशियाई बिज़नेसमैन टी. आनंद कृष्ण पर एयरसेल पर काबिज होने में मैक्सिस की मदद के लिए मिलीभगत करने का आरोप दायर किया था. उस समय चेन्नई की कंपनी एयरसेल के मालिक सी. शिवशंकरन थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि टेलीकॉम मंत्री के रूप में दयानिधि मारन ने दबाव बनाने के लिए उनकी कंपनी को दी जाने वाली अहम मंज़ूरियों को तब तक रोककर रखा था, जब तक उन्होंने कंपनी को वर्ष 2006 में मैक्सिस को बेच नहीं दिया.

सीबीआई का कहना है कि सौदा हो जाने के बाद 700 करोड़ रुपये 'गैरकानूनी तुष्टीकरण' के रूप में सन समूह के ज़रिये मारन बंधुओं को दिए गए, जो एक टीवी चैनलों और सैटेलाइट टीवी सेवाएं देने वाला मीडिया ग्रुप है, और जिसके मालिक दयानिधि मारन के अरबपति भाई कलानिधि मारन हैं. मारन बंधुओं तथा मैक्सिस के मालिक के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचने का भी आरोप लगाया गया था.  इन तीनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी-लॉन्डरिंग के लिए अलग से केस दर्ज किया था.
मारन बंधुओं तथा आनंद कृष्णन ने आरोपों का खंडन किया था.

न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं संतुष्ट हूं कि (सीबीआई का) पूरा मामला सरकारी फाइलों को गलत पढ़ने, गवाहों के विरोधाभासी बयानों, अटकलबाजियों और शिकायतकर्ता सी. शिवशंकरन की शंकाओं पर आधारित है. मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं कि प्रथम दृष्टया किसी आरोपी के खिलाफ कोई ऐसा मामला नहीं बनता कि उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएं.’ ईडी के मामले में आरोपियों को आरोप-मुक्त करते हुए न्यायाधीश ने कहा, ‘अनुसूचित अपराध के मामले में आरोपियों के आरोप-मुक्त कर दिए जाने के मद्देनजर मैं संतुष्ट हूं कि यह मामला आधारहीन हो गया और इसमें अब कुछ नहीं बचा. लिहाजा, सभी आरोपियों को आरोप-मुक्त करने का आदेश दिया जाता है और वे आरोप-मुक्त हैं.’

ईडी के मामले में पारित आदेश में कहा गया, ‘ऐसी स्थिति में अपराध से हासिल धन का अस्तित्व नहीं है. जब अपराध से हासिल धन का अस्तित्व ही नहीं है तो धनशोधित करने या इसे दागी धन बताने का कोई औचित्य ही नहीं है. लिहाजा, आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करने का कोई आधार नहीं है.’ बहरहाल, आज के आदेश का सीबीआई के मामले में दो आरोपी मलेशियाई नागरिकों - राल्फ मार्शल और टी. आनंद कृष्णन - पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अदालत पहले ही उनके खिलाफ कार्यवाहियों को मारन भाइयों एवं अन्य के खिलाफ कार्यवाहियों से अलग कर चुकी थी.

सीबीआई ने मारन भाइयों, राल्फ मार्शल, टी. आनंद कृष्णन, चार कंपनियों - मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ऐस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क, यूके, मेसर्स मैक्सिस कम्यूनिकेशंस बरहड, मलेशिया, मेसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, मलेशिया - एवं तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) जे एस सरमा के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था. सरमा की जांच के दौरान ही मौत हो गई थी.

भादंसं(आईपीसी) की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया था. धनशोधन के मामले में ईडी ने मारन भाइयों, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के. षणमुगम, एसएएफएल और सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया था.
 
दयानिधि मारन वर्ष 2004 से 2007 तक टेलीकॉम मंत्री थे, और डॉ मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में उनका स्थान ए राजा ने लिया था, जो उन्हीं की पार्टी के सदस्य थे, और बाद में उन पर भी बहुत बड़े 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का आरोप लगा.

(साथ में इनपुट भाषा से...)

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT