सरकार आय घोषणा योजना (IDS) के तहत घोषित की गई बेहिसाबी राशि को घटाकर 55,000 करोड़ रुपये पर लाएगी. इसकी वजह यह है कि हैदराबाद के एक रीयल एस्टेट कारोबारी तथा उनके सहयोगियों ने 10,000 करोड़ रपये के कालेधन की घोषणा की थी, लेकिन वे योजना के तहत कर का भुगतान नहीं कर सके हैं.
हैदराबाद के इस रीयल एस्टेट कारोबारी ने 30 सितंबर को बंद हुई आईडीएस के तहत 9,800 करोड़ रुपये के कालेधन की घोषणा की थी. कारोबार से जुड़े दो या तीन लोगों ने 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय की घोषणा की थी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘सभी कर की पहली किस्त देने में विफल रहे. 30 नवंबर तक यह किस्त दी जानी थी.’’ कर चुकाने में चूक के तुरंत बाद आयकर विभाग ने इन लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी.
अधिकारी ने कहा, ‘‘आयकर विभाग इस बारे में जरूरी कार्रवाई करेगा. हम आईडीएस के तहत घोषित राशि में संशोधन करेंगे.’’ इससे पहले इसी महीने वित्त मंत्रालय ने योजना के तहत घोषित राशि को 65,250 करोड़ रपये के शुरुआती अनुमान से बढ़ाकर 67,382 करोड़ रुपये कर दिया था. संशोधित आंकड़ों के आधार पर सरकार को कर के रूप में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होने थे.
संशोधित आंकड़े में अहमदाबाद के कारोबारी महेश कुमार चंपकलाल शाह द्वारा घोषित 13,860 करोड़ रुपये तथा मुंबई के परिवार द्वारा घोषित 2 लाख करोड़ रपये की राशि को शामिल नहीं किया गया था. अधिकारी ने कहा कि हमने इन दोनों घोषणाओं को आंकड़ों में शामिल नहीं किया क्योंकि ये संदिग्ध नजर आ रहे थे.
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