डाबर समूह के पूर्व निदेशक प्रदीप बर्मन ने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आदेश के खिलाफ लड़ेंगे क्योंकि ईडी का आदेश अनुमान पर आधारित है. ईडी ने स्विस बैंक कालाधन मामले में बर्मन की 20.87 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है.
केन्द्रीय एजेंसी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत एक आदेश जारी कर हुडको और आईआरएफसी के 50,000 कर - मुक्त सरकारी बॉड जब्त किये. ईडी ने यह कारवाई एचएसबीसी की लीक सूची में शामिल भारतीयों के खिलाफ जांच के हिस्से के तौर पर की गई. इस सूची में उन भारतीयों के नाम शामिल हैं जिन्होंने विदेश में अवैध रूप से धन रखा हे.
बर्मन के एक प्रवक्ता ने कहा कि मामले में गलत बातें और तथ्य रिपोर्ट किये जा रहे हैं. इस आदेश और इससे जुड़े मुद्दे के खिलाफ हम लड़ रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि हमें अदालत , प्राधिकरण से कानून के तहत न्याय मिलेगा.
उन्होंने कहा कि इस मामले में बर्मन के खिलाफ कानून के तहत ऐसा कोई आर्डर जिसमें उन्हें फेमा के तहत गड़बड़ी करने वाला ठहराया गया हो को छोड़िये , कोई कारण बताओ नोटिस तक जारी नहीं किया गया.
आयकर विभाग ने बर्मन के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था , हालांकि मामले में सुनवाई अभी होनी बाकी है.
प्रवर्तन निदेशालय ने यह मामला विभाग से ले लिया. ईडी ने कहा कि देश में बर्मन की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है. बर्मन के एचएसबीसी बैंक के खाते में जमा 32.12 लाख डालर के बदले उनकी यह संपत्ति जब्त की गई. बर्मन ने 2007- 08 में दाखिल अपनी आयकर रिटर्न में यह राशि नहीं दिखाई.