वर्ष 2017 की पहली छमाही में दिल्ली-एनसीआर में आवासों की बिक्री 26 प्रतिशत गिरी है. नोटबंदी के बाद से इस क्षेत्र में मांग की कमी बनी हुई है और पिछले 18 महीनों में कीमतों में 20 प्रतिशत तक कमी आई है.
नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में गैर-बिके मकानों की संख्या 1.8 लाख तक है जो देश में सबसे ज्यादा है. इसे बेचने में डेवलपरों को करीब साढ़े चार साल लग जाएंगे. कंपनी ने कहा कि समीक्षावधि में 17,188 इकाई बिकी हैं, जबकि 2016 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 23,092 था. इस प्रकार यह गिरावट 26 प्रतिशत है.
नोटबंदी की वजह से इस बिक्री में कमी आई है जो सबसे कम छमाही बिक्री है. कंपनी के कार्यकारी निदेशक (परामर्श, खुदरा एवं आतिथ्य) ग़ुलाम जिया ने पत्रकारों से कहा कि एनसीआर का आवास बाजार लगातार गिर रहा है. यह उसका सबसे बुरा दौर है, जिसका अंत नहीं है.
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