भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इसी सप्ताह होने वाली अपनी मौद्रिक समीक्षा बैठक (Monetary review meeting) में रेपो दर में 0.25 से 0.30 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस ने यह अनुमान जताया है. इससे घर और वाहन के लोन की EMI बढ़ने के आसार हैं. यूबीएस के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था को कई मोर्चों पर चालू खाते के घाटे (CAD) में वृद्धि, भुगतान संतुलन में गिरावट, उच्च मुद्रास्फीति (High inflation) और रुपये में गिरावट जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक तीन अगस्त से शुरू हो रही है. बैठक के नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी.
स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी जैन गुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत से 0.30 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है.''
उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक इसके बाद अक्टूबर में होने वाली अपनी बैठक में प्रमुख नीतिगत दरों में और वृद्धि कर सकता है. हालांकि, यह वृद्धि घरेलू मुद्रास्फीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आकार पर निर्भर करेगी, जिसके मंदी में जाने की अधिक संभावना है.''
तन्वी ने कहा कि अक्टूबर की समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय बैंक के नीतिगत दरों में वृद्धि नहीं करने की अधिक संभावना है क्योंकि तब तक मुद्रास्फीति के कम होने की उम्मीद है.
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