विशेषज्ञों का मानना है कि ऊंची ब्याज दर परिदृश्य के कारण देश में विविधीकृत इक्विटी संस्कृति विकसित नहीं हो पा रही है।
ऊंची ब्याज दर परिदृश्य में लोग सावधि जमाओं जैसे कम जोखिम वाले उत्पादों पर लगभग 10 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं।
सिटीग्रुप के प्रमुख (बाजार) पंकज वैश्य ने कहा, देश में इक्विटी संस्कृति के अपेक्षित स्तर तक विकसित नहीं होने का एक कारण ऊंचा ब्याज परिदृश्य है। उन्होंने कहा कि इस तरह के परिदृश्य में लोग आमतौर पर आत्मसंतुष्ट व निश्चिंत हो जाते हैं। उन्होंने कहा, अधिकांश परिवारों के लिए अपने धन को लगभग दस प्रतिशत रिटर्न वाले बैंक खातों व अन्य जमाओं में रखना आकर्षक होता है, जहां जोखिम शून्य होता है। वहीं इक्विटी में धन लगाना अधिक जोखिम भरा होता है भले ही रिटर्न ऊंचा हो।
वैश्य यहां सिटी द्वारा मिटर सलोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने यहां आऐ थे। उन्होंने कहा कि इक्विटी संस्कृति को लेकर आरामदायक होने में निवेशकों की शिक्षा में कुछ समय लगेगा।
मिट सलोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डिप्टी डीन एसपी कोठारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों के सवाल पर कहा, देश के नेताओं को यह आत्मविश्लेषण करना होगा कि विश्व बैंक तथा संयुक्त राष्ट्र जैसी एजेंसियों ने विभिन्न आर्थिक मानकों पर भारत को कम रैंकिंग क्यों दी है।