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जीएसटी लागू : बचे माल पर नई कीमत नहीं छापी तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है : रिपोर्ट

अब सरकार ने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद बचे हुए माल पर संशोधित कीमत न छापने पर विनिर्माताओं को जुर्माना/जेल की सजा हो सकती है.
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NDTV Profit हिंदी05:57 PM IST, 07 Jul 2017NDTV Profit हिंदी
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उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के हित में अगर पहले के बचे माल पर जीएसटी के लागू होने के बाद की दरें प्रकाशित नहीं की जाती हैं, तो जेल की सजा समेत एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. विनिर्माताओं को नये अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के साथ बचे हुए माल को सितंबर तक निकालने की अनुमति दी गयी है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिये उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की एक समिति गठित की गयी है. साथ ही कर संबंधित सवालों के जवाब के लिये हेल्पलाइन 14 से बढ़ाकर 60 कर दिया गया है. उपभोक्ता हेल्पलाइन के जरिये 700 से अधिक सवाल प्राप्त हुए हैं और मंत्रालय ने वित्त विभाग से इसके समाधान के लिये विशेषज्ञों की मदद मांगी है.

पासवान ने संवाददाताओं से कहा, 'जीएसटी के क्रियान्‍वयन को लेकर शुरुआती अड़चनें थीं लेकिन उनका जल्दी ही समाधान हो गया. वित्त और उपभोक्ता मामलों समेत सभी संबद्ध मंत्रालय सतर्क हैं तथा उपभोक्ताओं एवं व्यापारियों की चिंताओं के समाधान के लिये व्यवस्था बनायी गयी है.' उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत वस्तुओं की कीमतें कम हुई हैं और कुछ के दाम बढ़े हैं. पासवान ने कहा, 'हमने कंपनियों से बचे हुए माल पर संशोधित मूल्य प्रकाशित करने को कहा है. नये एमआरपी का स्टिकर लगाया जाना चाहिए ताकि ग्राहक जीएसटी के बाद दरों में आये बदलाव को लेकर अवगत हों.'

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बचे हुए माल पर संशोधित एमआरपी प्रकाशित करना अनिवार्य है, ऐसा नहीं करने पर पैकेटबंद उत्पाद नियम का उल्लंघन माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पासवान ने कहा कि इसका अनुपालन नहीं करने पर पहली बार 25,000 रुपये, दूसरी बार 50,000 रुपये तथा तीसरी बार एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और एक साल तक की जेल भी हो सकती है.

देश में जीएसटी एक जुलाई से लागू किया गया है. इसमें वैसे ग्राहकों को राहत दी गयी है जिनके पास पुराने माल बचे हुए हैं. उन्हें बचे हुए माल पर नए एमआरपी के साथ सितंबर तक बेचने की अनुमति दी गयी है. पासवान ने यह भी कहा कि माल पर प्रकाशित नई कीमत के बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को जानकारी दी जानी चाहिए. साथ ग्राहकों की जागरुकता के लिये उसका विज्ञापन दिया जाना चाहिए.

हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी 1 जुलाई से उम्मीद से ज्यादा आसानी से लागू हो गया, जबकि उन्हें इसमें अड़चन की संभावना दिखी थी. वहीं पिछले दिनों खबर आई थी कि देश में आधे से अधिक लोगों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में जानकारी नहीं है. एक मोबाइल समाचार एप कंपनी के सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है. इस सर्वेक्षण में देश के 3.6 लाख लोगों की राय ली गई. इसमें यह तथ्य सामने आया कि तेलुगू भाषी दो राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों को जीएसटी के बारे में सबसे अधिक जानकारी है. इन राज्यों की 64 फीसदी आबादी को इस कर के बारे में पता है. वहीं आनलाइन के सर्वेक्षण के अनुसार जीएसटी के बारे में सबसे कम जानकारी तमिलनाडु के लोगों को है. यह सर्वेक्षण 26 से 30 जून के दौरान किया गया.

(इनपुट भाषा से...)

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