माल व सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने डिजिटल माध्यम खरीदारी करने वाले ग्राहकों को 100 रुपये तक प्रोत्साहन देने के मुद्दे पर चर्चा की और एकल मासिक रिटर्न के लिए नये मॉडल तथा जीएसटीएन को सरकारी स्वामित्व वाली इकाई बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. परिषद ने कुछ राज्यों के विरोध को देखते हुए चीनी पर उपकर लगाने के बारे में फैसला टाल दिया.
जीएसटी परिषद की 27वीं बैठक वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई. बैठक के बाद जेटली ने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर सभी करदाताओं के महीने में एक ही जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की जरूरत होनी चाहिए. इस समय उन्हें मासिक स्तर पर कई रिटर्न दाखिल करने पड़ते हैं.
उन्होंने कहा कि पंजीबद्ध व्यक्ति के कारोबार के आधार पर रिटर्न फाइलिंग तारीखें क्रमबद्ध होनी चाहिए ताकि आईटी प्रणाली पर भार का प्रबंधन किया जा सके. कंपोजिशन डीलर व शून्य लेनदेन वाले डीलरों को त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने की सुविधा मिलनी चाहिए. वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि मासिक रिटर्न फाइल प्रणाली छह महीने में प्रभावी हो जाएगी तथा जीएसटीआर 3बी व जीएसटीआर1 फॉर्म के जरिए रिटर्न दाखिल करने की मौजूदा प्रणाली छह महीने से ज्यादा समय तक जारी नहीं रहेगी.
खरीदारी का भुगतान डिजिटल माध्यम या चैक आदि से किए जाने पर प्रोत्साहन के मुद्दे पर परिषद के ज्यादातर राज्य कारोबार से उपभोक्ता (बी2सी) आपूर्ति पर जीएसटी दर (जहां दर तीन प्रतिशत या अधिक है) पर दो प्रतिशत रियायत देने के प्रस्ताव पर सहमत थे. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिए जाने के लिए इसके तहत अधिकतम 100 रुपये (प्रति भुगतान) प्रोत्साहन का प्रस्ताव है. लेकिन कुछ राज्य एक छोटी 'निषेधात्मक सूची' बनाए जाने के पक्ष में हैं. इसलिए इस मुद्दे को राज्यों के वित्तमंत्रियों के पांच सदस्यीय समूह के पास भेजा जाएगा.
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