सरकार ने ई-रिक्शा चालकों के लिए मानदंडों में ढील को मंजूरी दे दी है, जिससे दिल्ली की सड़कों पर बैटरी से चलने वाले वाहन के फिर दौड़ने का रास्ता साफ हो गया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षा संबंधी चिंता की वजह से इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक सूत्र ने बताया, मंत्रिमंडल ने ई-रिक्शा चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी मानदंडों में ढील देने की मंजूरी दी है।
एक अन्य सूत्र ने बताया, ई-रिक्शा चालकों के लिए लाइसेंस जारी के संबंध में मानदंड ढीले कर दिए गए हैं। किसी व्यक्ति के पास हल्के मोटर वाहन को चलाने का एक साल का लाइसेंस होने पर ही उसे वाणिज्यिक वाहन चलाने का लर्निंग लाइसेंस देने संबंधी प्रावधान को हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा वैध इकाई है और अब वाहन चलाने की परीक्षा पास करने वाले किसी भी चालक को लाइसेंस दिया जा सकता है। सरकार ने अक्टूबर में ई-रिक्शा सड़क पर लाने के लिए नियम अधिसूचित किए थे, जिसके तहत ई-रिक्शा चलाने के लिए ड्राइवर का लाइसेंस अनिवार्य था और इसकी अधिकतम गति सीमा 25 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई थी।
सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन (16वां संशोधन) नियम, 2014 अधिसूचित किया है, जिससे विशेष उद्देश्यीय बैटरी चालित वाहनों को सड़क पर लाने का रास्ता साफ हुआ था।