ADVERTISEMENT

आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा- दिसंबर तक नीचे आएगी मुद्रास्फीति

अक्तूबर में मुद्रास्फीति बढ़कर 3.58 प्रतिशत पर पहुंच गई. रंगराजन ने कहा कि मेरे विचार में विशेषरूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी का मौसम समाप्त हो गया है. अगले महीने खाद्य वस्तुओं की कीमतों में सीजन की गिरावट आएगी. वह यहां राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान के निदेशक रतिन राय के व्याख्यान के मौके पर अलग से बातचीत कर रहे थे.
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी08:19 PM IST, 16 Nov 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने गुरुवार को कहा कि मुद्रास्फीति की दर दिसंबर तक नीचे आएगी और चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह चार प्रतिशत से नीचे रह सकती है. अक्तूबर में मुद्रास्फीति बढ़कर 3.58 प्रतिशत पर पहुंच गई. रंगराजन ने कहा कि मेरे विचार में विशेषरूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी का मौसम समाप्त हो गया है. अगले महीने खाद्य वस्तुओं की कीमतों में सीजन की गिरावट आएगी. वह यहां राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान के निदेशक रतिन राय के व्याख्यान के मौके पर अलग से बातचीत कर रहे थे.

यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सरकार को कदम उठाने की जरूरत: सी रंगराजन

इसका आयोजन आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन ने किया था. उन्होंने आगे कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के दायरे में रहेगी, जिसकी हम बात कर रहे हैं. यह चार प्रतिशत या उससे कुछ नीचे रहेगी. प्याज और सब्जियां महंगी होने से अक्तूबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित सात महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई है. हालांकि, रंगराजन ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि रिजर्व बैंक को अगले महीने पेश होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर के बारे में निर्णय लेते समय क्या मुद्रास्फीति पर ध्यान देना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: आर्थिक पैकेज में पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर ध्यान हो : पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन

इससे पहले अपने संबोधन में रंगराजन ने कहा कि बाजार में बेचे जाने योग्य सामान में सरकार की उत्पादक के रूप में भूमिका घट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नियामक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका है। मौजूदा बाजार परिस्थितियों में प्रणाली और ढांचे को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए यह जरूरी है.

VIDEO: गरीबी की रिपोर्ट और जमीनी हकीकत​



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV Profit हिंदी
लेखकBhasha
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT