कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के ज़रिये शेयर बाजार में निवेश का हिस्सा बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक कर सकता है, जो अभी उसके सालाना बढ़ने वाले कोष के पांच प्रतिशत तक रखा गया है।
विशेषज्ञों की समिति ने अपनी एक रपट में ईपीएफओ को इसी प्रकार की सिफारिश की है। ईपीएफओ का केंद्रीय न्यासी मंडल मंगलवार को अपनी बैठक में इस मामले पर विचार करने वाला है। श्रमिक संगठन कर्मचारी भविष्य निधि का कोई भी पैसा शेयरों में लगाने के विरोध में हैं, लेकिन ईपीएफओ ईटीएफ के ज़रिये पांच प्रतिशत निवेश शेयरों में करने लगा है।
एक सूत्र ने बताया कि संभावना है कि ईपीएफओ ईटीएफ में अपने निवेश का स्तर दोगुना कर 10 प्रतिशत तक पहुंचा सकता है। इस संबंध में एक विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है और 26 जुलाई को इसके न्यासियों की बैठक में इस पर विचार होगा।
ईपीएफओ की वित्त अंकेक्षण एवं निवेश समिति द्वारा गठित विशेषों की समिति ने ईटीएफ में निवेश बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। उसका कहना है कि शेयरों में केवल पांच प्रतिशत निवेश से ईपीएफओ के सम्पूर्ण पोर्टफोलियो से होने वाली आय में कोई बड़ा योगदान नहीं मिलेगा।
समिति का कहना है कि इस समय ईपीएफओ का शेयरों में निवेशक इसके कुल कोष का एक प्रतिशत से भी कम है, जबकि इस क्षेत्र में वैश्विक औसत करीब 30 प्रतिशत है। इससे पहले श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने संकेत दिया था कि ईपीएफओ शेयर में निवेश बढ़ा सकता है।