दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL)-Yes Bank मामले में शनिवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मुंबई और पुणे में कुछ प्रमुख रियल्टर्स के परिसरों की तलाशी ली है. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के परिसरों की तलाशी ली. बिल्डर अविनाश भोसले के परिसरों की तलाशी भी ली गई. माना जा रहा है कि भोंसले का मामला अविनाश भोसले इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जुड़ा है. वहीं, नीलकमल रियल्टर्स में शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के यहां छापेमारी हुई है.
जानकारी है कि मुंबई और पुणे में 8 जगहों पर छापेमारी हुई है. अविनाश भोंसले एबीआईएल ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर हैं. अविनाश भोसले, विनोद गोयनका और शाहिद बलवा महाराष्ट्र में सरकार के काफी करीबी माने जाते हैं. बलवा और गोयनका 2G घोटाले में आरोपी रह चुके हैं, लेकिन 2018 में एक स्पेशल कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया था.
अधिकारियों ने बताया है कि सीबीआई को संदेह है कि कंपनियों ने इनके माध्यम से यस बैंक- DHFL लोन केस में अवैध पैसों को इधर-उधर किया गया था. एक अधिकारी ने बताया कि अभी तलाशी हो रही है, मामले में संबधित लोगों की भूमिका पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है.
संजय छाबड़िया की हुई है गिरफ्तारी
इसके अलावा, अभी शुक्रवार को ही मुंबई की एक विशेष अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और (डीएचएफएल) के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में महानगर के रियल स्टेट कारोबारी संजय छाबड़िया को 6 मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था. गुरुवार को रेडियस डेवलपर्स के छाबड़िया को गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने छाबड़िया की 14 दिन की हिरासत मांगते हुए कहा था कि हिरासत की आवश्यकता है क्योंकि अपराध गंभीर है और जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है.
Video : यस बैंक-DHFL घोटाले में CBI ने की महाराष्ट्र के बिल्डर संजय छाबरिया की गिरफ्तारी