उद्योग जगत ने अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में चालू खाते के घाटे के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को निर्यात बढ़ाने के प्रयासों को तेज करना चाहिए।
उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूात ने कहा, अक्तूबर- दिसंबर तिमाही में विदेश व्यापार तथा निवेश के मोर्चे पर देश का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक है। चालू खाते का घाटा 6.7 प्रतिशत होना अस्वीकार्य है। फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा कि चालू खाते के घाटे के ऊंचे स्तर को चिंता का विषय तथा संभावित व्यापक आर्थिक जोखिम बताया है।
उल्लेखनीय है कि देश का चालू खाते का घाटा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर,12) में बढ़कर सकल घरेलू उत्पादन यानी जीडीपी का 6.7 प्रतिशत हो गया। यह इस चालू खाते के घाटे का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है और सरकार ने कहा है कि वह घाटे पर काबू पाने के लिए कदम उठाएगी।