
प्रतीकात्मक तस्वीर
लोगों को फिलहाल महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है. दिसंबर में खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 7.35 प्रतिशत हो गई है जबकि नवंबर में यह 5.54 फीसदी थी. सोमवार को सरकार ने ये आंकड़े जारी किए. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है. यह लगातार तीसरा महीना है कि खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के मध्यावधि लक्ष्य 4 फीसदी से ऊपर रही है. इससे अब भविष्य में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति में राहत मिलने की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2019 में 5.54 प्रतिशत और दिसंबर, 2018 में 2.11 प्रतिशत के स्तर पर थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 प्रतिशत पर पहुंच गई. दिसंबर, 2018 में यह शून्य से 2.65 प्रतिशत नीचे थी. नवंबर, 2019 में यह 10.01 प्रतिशत पर थी.
केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है. अब यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से कहीं अधिक हो गई है.