उत्पादन शुरू करने में विलंब के चलते कोयला मंत्रालय ने सार्वजनिक उपक्रमों को दिए गए दो और कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने का फैसला किया है। इससे छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन तथा ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन प्रभावित होंगे।
कोयला मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को लिखा है, सरकार ने अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की सिफारिश पर विचार के बाद उसे स्वीकार कर लिया है।
इसके तहत छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को आवंटित शंकरपुर (भाटगांव दो) तथा उसके विस्तार वाले कोयला ब्लाक का आवंटन रद्द किया जाता है। सरकार ने इस कंपनी द्वारा दी गई कुल बैंक गारंटी की आधी राशि काटने का निर्णय भी किया है। यह रकम 1.59 करोड़ रुपये बनी है।
मंत्रालय ने ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन को भेजे एक अन्य पत्र में कहा है, कंपनी को आवंटित उत्कल-डी कोयला ब्लॉक का आवंटन रद्द किया जाता है। अंतर मंत्रालयी समूह ने निजी क्षेत्र की 51 कंपनियों को आवंटित 31 कोयला ब्लॉकों की समीक्षा पूरी कर ली है। सरकार ने 13 कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने और 14 मामलों में बैंक गारंटी काटने की सिफारिश को स्वीकार कर ली है। कुल 58 खदानों को निर्धारित समयसीमा में विकास पूरा नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।