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Economic Survey 2023-24: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे किया पेश, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

Economic Survey 2023-24 Live Updates: इकोनॉमिक सर्वे 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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NDTV Profit हिंदी02:51 PM IST, 31 Jan 2023NDTV Profit हिंदी
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Economic Survey 2023-24: बजट 2023 से पहले संसद में बजट सत्र (Budget Session) की शुरुआई हुई. इस दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज यानी 31 जनवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इकोनॉमी ग्रोथ के अनुमानों के साथ इकोनॉमिक सर्वे पेश किया है. इस इकोनॉमिक सर्वे 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनीं रहेगी.  यहां हम आपको इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 से जुड़ी 10 बड़ी बातें बताने जा रहे हैं...

  • भारतीय अर्थव्यवस्था सभी क्षेत्रों में व्यापक आधार पर सुधार कर रही है, जो आगे बढ़ने की स्थिति में है और यह FY23 में पूर्व-महामारी विकास पथ पहुंच गई है.
  • नवंबर 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई की लक्ष्य सीमा के भीतर वापस आ गई है.
  • अप्रैल-नवंबर 2022 की अवधि के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल बना हुआ है
  • घटती शहरी बेरोजगारी दर और कर्मचारी भविष्य निधि में तेजी से शुद्ध पंजीकरण में रोजगार सृजन में वृद्धि देखी गई.
  • वित्त वर्ष 2011 में 1.6% के मुकाबले स्वास्थ्य क्षेत्र पर केंद्र और राज्य सरकार का बजटीय व्यय वित्त वर्ष 23 (बजट अनुमान) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.1% और वित्त वर्ष 22 (संशोधित अनुमान) में 2.2% तक पहुंच गया.
  • सामाजिक क्षेत्र व्यय (केंद्र और राज्यों को मिलाकर) 21.3 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा है यह FY23 (BE Budget estimate बजट अनुमान) में है जबकि FY16 में 9.1 लाख करोड़ रुपये था.
  • शेड्यूल कमर्शियल बैंक (Scheduled Commercial Banks) यानी एससीबी (SCBs) का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट (GNPA) अनुपात सात साल के निचले स्तर 5.0 पर आ गया है.
  • सर्वेक्षण बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर यूएनडीपी की 2022 की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर प्रकाश डालता है जो कहता है कि 2005-06 और 2019-20 के बीच भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले.
  • भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए नेट ज़ीरो प्रतिज्ञा की घोषणा की.
  • 2047 तक भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया.
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