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क्रिस वुड ने भारतीय बाजार पर फिर जताया भरोसा, Sensex के 1 लाख के लेवल पर पहुंचने का जताया अनुमान

क्रिस्टोफर वुड ने अपने ग्रीड एंड फीयर के लेटेस्ट नोट में लिखा कि अर्निंग ग्रोथ में 15% के अनुमान को देखते हुए बेंचमार्क इंडेक्स के इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
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NDTV Profit हिंदी02:09 PM IST, 28 May 2023NDTV Profit हिंदी
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ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) के क्रिस्टोफर वुड (Chris Wood) भारतीय शेयर बाजार को लेकर लंबे समय से बुलिश हैं. BQ PRIME की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि शेयर बाजार का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (Sensex) अगले पांच साल में 1 लाख का लेवल छू लेगा, ये बस कुछ समय की बात है. पिछले साल फरवरी में भी क्रिस्टोफर वुड ने अपने ग्रीड एंड फीयर (Greed and Fear) कॉलम में यह बात कही थी. अपनी इस बात पर वह आज भी कायम हैं.

वुड ने अपने ग्रीड एंड फीयर के लेटेस्ट नोट में लिखा कि अर्निंग ग्रोथ में 15% के अनुमान को देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. क्रिस लिखते हैं कि भारतीय बुल मार्केट सभी चिंताओं के बावजूद आगे बढ़ता रहेगा. हालांकि इस बात से एक चिंता पैदा होती है कि क्या मोदी सरकार (Modi Government) दोबारा चुनकर आएगी और क्या रिटेल निवेश (Retail Investment) की गतिविधियों में और धीमापन देखने को मिलेगा.

ब्रोकरेज अकाउंट्स अप्रैल में 3.1 करोड़ पर पहुंचे

एक्टिव ब्रोकरेज अकाउंट्स जून 2022 में 3.8 करोड़ की ऊंचाई से अप्रैल 2023 में गिरकर 3.1 करोड़ पर पहुंच गए हैं. ग्रीड एंड फीयर ने भारतीय प्राइवेट सेक्टर बैंक इंडेक्स की ग्लोबल बैंकिंग इंडेक्स (Banking Index) में शानदार आउटपरफॉर्मेंस का जिक्र किया है. इस अवधि के दौरान निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स (Nifty Private Bank Index) 1,073% चढ़ा है. जबकि, MSCI AC वर्ल्ड बैंक्स इंडेक्स (World Banks Index) में 20% की गिरावट देखने को मिली है.

क्रिस वुड के मुताबिक, एशियाई बाजारों में लॉन्ग-ऑनली पोर्टफोलियो की शुरुआत के बाद से, भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों में निवेश सबसे बढ़िया रहा है. वुड के मुताबिक, हालांकि कर्नाटक में हाल ही में हुई हार के बावजूद मोदी का दोबारा न चुने जाने का जोखिम बहुत कम है. उन्होंने कहा कि राज्य के चुनाव में, क्षेत्रीय मुद्दे अहम रहते हैं. जबकि, आम चुनाव में बड़े मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है, जहां मोदी पिछले 10 सालों में बड़े बदलाव लेकर आए हैं.

घरेलू एसेट मैनेजमेंट भी अच्छी स्थिति भी बेहतर

इस नोट में कहा गया है कि भारत की घरेलू एसेट मैनेजमेंट (AMC) की स्थिति भी बेहतर बनी हुई है. वुड के मुताबिक, मार्च के आखिर में इक्विटी 11.1 लाख करोड़ रुपये के घरेलू एसेट्स के अनुमानित 4.7% हैं. घरेलू इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में इनफ्लो जारी है, जिसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) बड़ा योगदान दे रहे हैं. SIPs हाल ही में मौद्रिक नीति सख्त किए जाने के बीच भारतीय शेयर बाजार की मजबूती की मुख्य वजह रहे हैं. पिछले 12 महीनों के दौरान मासिक SIP योगदान औसत 13,150 करोड़ रुपये रहा है.

इसके अलावा वुड ने एशिया पैसेफिक एक्स-जापान रिलेटिव-रिटर्न पोर्टफोलियो में चीन और ऑस्ट्रेलिया का ओवरवेट घटाया है. जबकि भारत, कोरिया और ताइवान का बढ़ाया है.

ब्रोकरेज फर्म  जोमैटो को लेकर बुलिश

क्रिस वुड जोमैटो को लेकर काफी बुलिश हैं, इंडिया लॉन्ग ओनली पोर्टफोलियो में जोमैटो में 4% वेटेज बढ़ाया है, HDFC लाइफ इंश्योरेंस में निवेश को खत्म किया है. जोमैटा को ग्लोबल लॉन्ग-ओनली इक्विटी पोर्टफोलियो में जोड़ा जाएगा, इसमें से JD.com और Alibaba में निवेश 2-2% घटाया जाएगा.

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