वर्ल्ड बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि 2023-24 के दौरान GDP विकास दर 6.3% रहने का अनुमान है. पिछले साल की तरह इस साल भी भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में एक बना रहेगा और भारत का परफॉरमेंस टॉप परफार्मिंग कन्ट्रीज में अच्छा होगा. मौजूदा वित्तीय साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार 6.3% रहने का अनुमान है. मंगलवार को वर्ल्ड बैंक ने अपनी "India Development Update" रिपोर्ट में आंकलन जारी किया. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन को देखते हुए.
वर्ल्ड बैंक का आकलन
वर्ल्ड बैंक ने FY 2023-24 के दौरान भारत की GDP ग्रोथ रेट के पूर्वानुमान को दिसम्बर, 2022 के अनुमानित 6.6% से घटाकर 6.3% कर दिया है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक धीमी खपत वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में चुनौतियों को देखते हुए ये बदलाव किया गया है. ध्रुव शर्मा, सीनियर इकोनॉमिस्ट, वर्ल्ड बैंक ने एनडीटीवी से कहा, "हमने भारत के लिए GDP की अनुमानित विकास दर में छोटा बदलाब किया है, 6.6% से घटाकर इसे 6.3% किया है. ग्लोबल इकॉनमी में चुनौतियां हैं, आयल की कीमत ज्यादा है, इसका थोड़ा असर भारत पर पड़ेगा. भारत में खपत वृद्धि में भी गिरावट दर्ज़ हुई है".
वर्ल्ड बैंक का आंकलन है कि मौजूद वित्तीय साल में महगांई के मोर्चे पर चुनौती कम होगी और रिटेल इन्फ्लेशन 6.6% से घटकर 5.2% हो सकती है. वर्ल्ड बैंक के सीनियर इकोनॉमिस्ट ने एनडीटीवी से कहा कि आर्थिक मोर्चे पर ग्लोबल स्तर पर चुनौतियां के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. ध्रुव शर्मा ने कहा, "इस साल भी हमारा असेसमेंट है की इंडिया तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. भारत का परफॉरमेंस अभी भी टॉप परफार्मिंग कन्ट्रीज में बना रहेगा".
उद्योग संघ ASSOCHAM ने वर्ल्ड बैंक की ताज़ा रिपोर्ट का स्वागत किया है. हालांकि महंगाई नियंत्रित करने के लिए आरबीआई ने पिछले एक साल में रेपो रेट में जो बढ़ोतरी की है उसपर उद्योग जगत अब रोक चाहता है.
अजय सिंह, नए एसोचैम के अध्यक्ष ने एनडीटीवी से कहा, "चैंबर के नाते, हमें लगता है कि वक्त आ गया है कि आरबीआई की तरफ से यह सिग्नल आना चाहिए की रेपो रेट में बढ़ोतरी का जो दौर था वह अब अंतिम चरण में है. अगर वो ऐसा करेंगे तो कई सेक्टर हैं हमारे जैसे हाउसिंग सेक्टर हैं जो रेट डिपेंडेंट होते हैं. उसमें उम्मीद की लहर जाएगी. यह ग्रोथ के लिए एक अच्छा सिग्नल होगा. हो सकता है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी हो लेकिन आरबीआई से सिग्नल जरूर होना चाहिए यह (रेपो रेट में बढ़ोतरी) साइकिल अंतिम चरण में है".
अब देखना होगा मुंबई में चल रही RBI की मोनेटरी पालिसी समिति की बैठक के बाद 6 अप्रैल 2023 को गवर्नर रेपो रेट को लेकर क्या घोषणा करते हैं.