सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है और मांग की है कि अदाणी-हिंडनबर्ग रिसर्च (Adani-Hindenburg Case) मामले की जांच पूरी करने के लिए उन्हें 6 महीने का वक्त और चाहिए. अपनी याचिका में SEBI ने कहा है कि उन्हें अपनी जांच को पूरा करने और इसके निष्कर्ष तक पहुंचने में और समय लगेगा.
मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि जिस तरह के आरोप हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से लगाए गए हैं, उन ट्रांजैक्शंस की जांच पूरी करने में कम से कम 15 महीने का समय लगना चाहिए. हालांकि SEBI ने ये भी कहा कि वो हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि ये जांच 6 महीने के अंदर पूरी की जा सके.
SEBI ने याचिका में कहा है, 'इस तरह की जांच में हर कदम पर मिलने वाली जानकारियों से आगे की और परतें खुलती जाती हैं. इस तरह के जटिल ट्रांजैक्शंस की प्रक्रिया में जानकारी जुटाने और उसका विश्लेषण करने में समय लगता है. जिस तरह के ट्रांजैक्शंस के आरोप लगाए गए हैं वो काफी जटिल हैं और उनके साथ काफी सब-ट्रांजैक्शंस जुड़े हुए हैं. इसलिए इस जांच में कई स्रोतों से जानकारी जुटाने और वेरिफाई करने में समय लगता है'.
इस जांच में हमें कई घरेलू और इंटरनेशनल बैंकों की तरफ से बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत पड़ेगी. अब चूंकि 10 साल से ज्यादा पुराने बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत पड़ सकती है इसलिए ये सब इकट्ठा करना मुश्किल भी है और इसमें समय भी लग रहा है.
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI)
आपको बता दें कि 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को आदेश दिया था कि अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 2 महीने में जांच पूरी कर के फाइनल रिपोर्ट जमा कराने को कहा था. स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने की डेडलाइन 2 मई को खत्म हो रही है.