बहुप्रचारित लैपटाप आकाश के भविष्य पर अनिश्चितताओं के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं क्योंकि सरकार ने शुक्रवार को इसके उत्पादन में 'विफलता' को स्वीकार किया।
मानव संसाधन मंत्रालय ने इस मामले में धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए आईआईटी बंबई को पत्र भेजा है। आईआईटी बंबई इसकी क्रियान्वयन संस्था है। पत्र में उससे कहा गया है कि वह सुनिश्चित करे कि कंपनी (डेटाविंड) सभी नियम तथा शर्तों को पूरा करे तथा आपूर्ति आदेश को अनुबंध की समुचित भावनाओं के साथ 31 मार्च तक पूरा करे।
मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि अगर कंपनी इस पर खरी नहीं उतरी तो उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
मंत्रालय इस कंप्यूटिंग उपकरण के भविष्य के बारे में फैसला करने से पहले राजेंद्र पवार की अध्यक्षता वाली समिति की रपट का इंतजार कर रही है।
मानव संसाधन मंत्री एमएम पल्लम राजू ने यहां संवाददाताओं को बताया, दूसरी चुनौती उत्पादन से जुड़ी है। इस मोर्चे पर विफलता है। अगर उत्पादन सही समय पर होता तो यह छात्रों तक पहुंच गया होता। उत्पाद तो है लेकिन हम जरूरत के हिसाब से इसे बना नहीं पा रहे हैं।
इस टेबलैट को 1130 रुपये की सब्सिडी पर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने का वादा किया गया था। डेटाविंड से शुरू में एक लाख आकाश की आपूर्ति को कहा गया था जिसे वह पूरा ही नहीं कर पाई।
राजू ने हालांकि यह भी कहा कि इस परियोजना से बाजार में इसी तरह के दूसरे उपकरणों के लिए माहौल बना। विद्यार्थी भी इस उपकरण के प्रति 'आसक्त' हुए बिना दूसरे उपकरण खरीद सकते हैं।
साथ ही उन्होंने कहा, जहां तक उत्पाद के विकास का सवाल है हम इस पर काम करते रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि समय के साथ दूसरी कंपनियां भी यह उपकरण बनाने लगेंगी।