टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की सख्त चेतावनी, स्पैम कॉल-मैसेज नहीं रोका तो भरना होगा 10 लाख तक जुर्माना

TRAI ने स्पैमर्स (Spammers) पर सख्त कार्रवाई के लिए नियमों को और कड़ा कर दिया है. पहले किसी स्पैमर के खिलाफ कार्रवाई तभी होती थी, जब उसके खिलाफ 7 दिन में 10 शिकायतें आती थीं, लेकिन अब इसे घटाकर 10 दिन में 5 शिकायतें कर दिया गया है.  

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अब लोग आसानी से स्पैम कॉल और मैसेज के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं और टेलीकॉम कंपनियों को इस पर तुरंत एक्शन लेना होगा.
नई दिल्ली:

स्पैम कॉल्स और अनचाहे मैसेज (Spam Calls & Messages) से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को साफ चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने स्पैम रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए, तो उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार ने यह सख्त कदम इसलिए उठाया है ताकि उपभोक्ताओं को बिना सहमति के भेजे जाने वाले विज्ञापन मैसेज और कॉल्स से बचाया जा सके.  

स्पैम रोकने के लिए बदले गए नियम  

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR), 2018 में कुछ अहम बदलाव किए हैं. इसका मकसद स्पैम कॉल और अनचाहे मैसेज (Unwanted Commercial Communication - UCC) को रोकना और लोगों को सुरक्षित डिजिटल कम्युनिकेशन (Digital Communication) का अनुभव देना है.  

नई गाइडलाइंस के मुताबिक:  

  • अगर कोई टेलीकॉम कंपनी स्पैम रिपोर्टिंग में गड़बड़ी करती है, तो पहली गलती पर 2 लाख, दूसरी बार 5 लाख और बार-बार गलती करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा.  
  • यह जुर्माना रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड (Registered & Unregistered) सेंडर्स पर अलग-अलग तरीके से लगाया जाएगा.  
  • टेलीकॉम कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जो विज्ञापन या प्रमोशनल मैसेज भेजे जा रहे हैं, वे ग्राहकों की सहमति (Consent) और प्राथमिकता (Preference) के आधार पर ही जाएं.  

अब ग्राहक आसानी से कर सकेंगे शिकायत  

अब उपभोक्ताओं के पास स्पैम कॉल और मैसेज को ब्लॉक करने और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होगा, भले ही उन्होंने पहले से कोई प्रीफरेंस (Preference) सेट न की हो.  पहले कोई व्यक्ति सिर्फ 3 दिन के अंदर स्पैम कॉल या मैसेज की शिकायत कर सकता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 7 दिन कर दी गई है.

अब अगर किसी ग्राहक की शिकायत में कॉल या मैसेज भेजने वाले का नंबर, तारीख और स्पैम की संक्षिप्त जानकारी होगी, तो उसे वैध शिकायत माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. वहीं, पहले 30 दिन में स्पैम भेजने वालों पर कार्रवाई होती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 5 दिन कर दिया गया है.  

स्पैम भेजने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

TRAI ने स्पैमर्स (Spammers) पर सख्त कार्रवाई के लिए नियमों को और कड़ा कर दिया है. पहले किसी स्पैमर के खिलाफ कार्रवाई तभी होती थी, जब उसके खिलाफ 7 दिन में 10 शिकायतें आती थीं, लेकिन अब इसे घटाकर 10 दिन में 5 शिकायतें कर दिया गया है.  

इस बदलाव से स्पैम कॉल और मैसेज भेजने वालों पर जल्दी कार्रवाई होगी. इतना ही नहीं, ज्यादा संख्या में स्पैमर्रस (Spammers) पकड़े जा सकेंगे.लोगों को बिना सहमति के आने वाले प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज से राहत मिलेगी.  

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सरकार क्यों कर रही है इतनी सख्ती?  

सरकार चाहती है कि लोगों को सिर्फ उन्हीं कंपनियों के विज्ञापन या प्रमोशनल मैसेज मिले, जिनसे वे सहमत हैं. यह नए नियम उपभोक्ताओं के डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा (Digital Rights Protection) के लिए बनाए गए हैं.  

अब लोग आसानी से स्पैम कॉल और मैसेज के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं और टेलीकॉम कंपनियों को इस पर तुरंत एक्शन लेना होगा. सरकार का यह फैसला सुरक्षित और भरोसेमंद टेलीकॉम सिस्टम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.  अगर आप भी स्पैम कॉल और मैसेज से परेशान हैं, तो अपनी टेलीकॉम कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके या TRAI के जरिए इसकी शिकायत जरूर करें.

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