जन विश्‍वास बिल 2.0 लाने जा रही सरकार, पीएम मोदी बोले- इंडस्‍ट्री में आएगा आत्‍मविश्‍वास, उद्योग जगत ने किया स्‍वागत

सूत्रों के मुताबिक जनविश्वास बिल 2.0 में सरकार ने 11 मंत्रालयों से जुड़े 17 मौजूदा कानूनों में शामिल 82 प्रावधानों को Decriminalize करने के लिए चिह्नित किया है.  

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पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर 40 हजार से ज्यादा कंप्‍लायंसेज खत्म किए गए हैं. (फाइल)
नई दिल्‍ली :

देश में बिजनेस के लिए माहौल को बेहतर बनाने और बिजनेस से जुड़े कई कानूनों को Decriminalize (गैर अपराधीकरण) करने के लिए सरकार ने एक नया जन विश्वास 2.0 बिल लाने का फैसला किया है. एमएसएमई क्षेत्र पर बजट के बाद हुए वेबिनार में स्टेकहोल्डर्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कसिस्‍टेंसी और रिफॉर्म्स का आश्‍वासन एक ऐसा बदलाव है, जिसकी वजह से इंडस्‍ट्री के भीतर नया आत्‍मविश्‍वास आया है. जन विश्वास 2.0 बिल इस स्थिरता और आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है.

पीएम मोदी ने कहा, "किसी भी देश में विकास के लिए मजबूत नीति और बेहतर बिजनेस एनवायरमेंट बहुत जरूरी है. इसलिए कुछ वर्ष पहले हम जन विश्वास एक्ट लेकर आए, हमने कंप्‍लायंसेज को कम करने का प्रयास किया, केंद्र और राज्य स्तर पर 40 हजार से ज्यादा कंप्‍लायंसेज खत्म किए गए, इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिला. हमारी सरकार ये मानती है कि ये एक्‍सरसाइज निरंतर चलती रहनी चाहिए. इसलिए, हम सिंप्लिफाइड इनकम टैक्‍स की व्यवस्था लेकर आए, हम जन विश्वास 2.0 बिल पर काम कर रहे हैं. नॉन फाइनेंशियल सेक्‍टर के रेग्‍युलेशंस को रिव्‍यू करने के लिए एक कमेटी का गठन का भी निर्णण हुआ है. हमारा प्रयास है कि इन्हें आधुनिक, लचीला, लोगों के अनुकूल और विश्‍वास आधारित बनाया जा सके." 

सूत्रों के मुताबिक जनविश्वास बिल 2.0 में सरकार ने 11 मंत्रालयों से जुड़े 17 मौजूदा कानूनों में शामिल 82 प्रावधानों को Decriminalize करने के लिए चिन्हित किया है.  

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इस बिल से बढ़ेगा आपसी विश्वास: विज 

उद्योग जगत ने इस पहल का स्वागत किया है. उद्योग संघ FICCI की डायरेक्टर जनरल ज्‍योति विज ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का स्वागत करते हैं. जनविश्वास 2.0 बिल से सरकार और बिजनेस के बीच आपसी विश्वास बढ़ेगा. अभी देश में ऐसे लेबर कानून है, इंडस्ट्री एक्ट, शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट जैसे कानून है जिसमें मामूली गलती के लिए क्रिमिनल प्रावधान है. FICCI ने इस विषय को कई बार उठाया है. हमें खुशी है की सरकार बिजनेस से जुड़े कानून को Decriminalize करने के लिए गंभीरता से पहल कर रही है. इससे भारत में बिजनेस करने वाले MNCs और स्टार्टअप्स को भी फायदा होगा".

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कई मामलों में क्रिमिनल प्रोसिडिंग सही नहीं: मेहता

उद्योग संघ PHDCCI ने प्रधामनंत्री के बयान को सकारात्‍मक और उद्योग जगत का विश्वास बढ़ाने वाला बताया है. PHDCCI के सीईओ और सेक्रेटरी जनरल रंजीत मेहता ने एनडीटीवी से कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान महत्वपूर्ण है. जनविश्वास 2.0 बिल से सरकार और इंडस्ट्री के बीच विश्वास बढ़ेगा. कई बार बिजनेस के दौरान तकनीकी या प्रक्रियात्‍मक गलतियां होती हैं. ऐसे मामलों में क्रिमिनल प्रोसिडिंग करना सही नहीं होगा".

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लालफीताशाही को घटाने में मिलेगी मदद: पारेख

अर्थशास्त्री और पूर्व योजना आयोग के सदस्य रहे किरीट पारेख कहते हैं कि इस फैसले से सरकार में लालफीताशाही और घटाने में मदद मिलेगी.  

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किरीट पारीख ने एनडीटीवी से कहा, "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस भारत के लिए बहुत जरूरी है नया बिजनेस शुरू करने के लिए और पुराने बिजनेस के विस्तार के लिए... भारत को विकसित देश बनाने के लिए एक्सपोर्ट सेक्टर का विस्तार बहुत जरूरी है. अभी एक्सपोर्ट सेक्टर में लॉजिस्टिक्स का खर्च काफी ज्यादा है ... इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय एक्सपोर्ट की प्रतिस्पर्धा कम होती है. सरकार को नए स्टार्टअप के लिए नियम कायदे आसन बनाने होंगे और मौजूदा इंडस्ट्री, बिजनेस के विस्तार के लिए परमिट और क्लीयरेंस की अनिवार्यता भी कम करनी होगी. लालफीताशाही से बहुत समय खराब होता है. उद्योगपति अक्सर इसमें फंस जाते हैं. देश में उद्योगपतियों को अक्सर यह लगता है कि नियम और कानून काफी ज्यादा हैं और उन्हें उसका उल्लंघन का डर  हमेशा रहता है." 

जाहिर है कि अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मोदी सरकार कितनी जल्दी जन विश्‍वास बिल 2.0 संसद में पेश करती है.

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