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बॉम्बे छोड़ क्यों पहाड़ों में बस गए नाना पाटेकर, अमिताभ बच्चन को बताई वजह, बोले- मेरे घर में AC तक नहीं...

नाना पाटेकर क्विज आधारित रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' में बतौर गेस्ट बनकर पहुंचे और हॉट सीट पर बैठे. इस दौरान उन्होंने अपने गांव लौटने और मायनगरी मुंबई से दूर रहने की वजह का खुलासा किया.

बॉम्बे छोड़ क्यों पहाड़ों में बस गए नाना पाटेकर, अमिताभ बच्चन को बताई वजह, बोले- मेरे घर में AC तक नहीं...
मायानगरी को छोड़  क्यों गांव में बस गए नाना पाटेकर

नाना पाटेकर क्विज आधारित रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' में बतौर गेस्ट बनकर पहुंचे और हॉट सीट पर बैठे. इस दौरान उन्होंने अपने गांव लौटने और मायनगरी मुंबई से दूर रहने की वजह का खुलासा किया. शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने नाना पाटेकर से सवाल पूछा, "आपने जीवन में इतना कुछ हासिल किया, फिर सब कुछ छोड़कर गांव क्यों चले गए?" इस पर अपने दिल की बात शेयर करते हुए नाना पाटेकर ने सादगी से जवाब देते हुए कहा, "मैं फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हूं. मैं बस यहां काम करने आता हूं और फिर वापस चला जाता हूं. मैं कभी किसी पार्टी में नहीं गया, न ही शहर में ज्यादा रुका. मैं गांव का हूं और वहीं रहना पसंद करता हूं. मुझे वहां की जिंदगी अच्छी लगती है."

नाना ने भावुक होकर कहा, "मुझे अपनी मां से जितना चाहिए था, उससे कई गुना ज्यादा मिला है. जरूरतें सीमित रखना बहुत आसान है. मेरे पास एसी नहीं है, क्योंकि मुझे उसकी जरूरत नहीं लगती. जैसे शहर में चारों तरफ दीवारें होती हैं, वैसे ही मेरे घर के चारों ओर पहाड़ हैं. पहाड़ों से घिरा हुआ मेरा घर है, और मैं वहीं आराम से रहता हूं. मुझे यह बहुत अच्छा लगता है." एपिसोड में नाना पाटेकर ने अभिनेत्री माधुरी दीक्षित की भी जमकर तारीफ की.

शो में एक दर्शक ने जब नाना से पूछा कि फिल्म 'वजूद' में माधुरी दीक्षित के साथ काम करने का उनका अनुभव कैसा रहा? तो उन्होंने कहा, "माधुरी दीक्षित के साथ काम करना एक शानदार अनुभव रहा. वह एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं, खूबसूरत हैं, कमाल की डांसर हैं, और उनमें वह सब कुछ है जो हर इंसान में होना चाहिए. मैं उन्हें बेहद सम्मान की नजरों से देखता हूं."

शो में आगे दर्शकों ने नाना पाटेकर से फिल्म 'वजूद' में माधुरी दीक्षित को सुनाई कविता 'कैसे बताऊं मैं तुम्हें' से जुड़ा सवाल भी किया. इस पर मुस्कुराते हुए एक्टर ने जवाब दिया, "वह कविता जावेद अख्तर साहब ने लिखी थी. उस फिल्म को लगभग 30-35 साल हो गए हैं, लेकिन यह कविता आज भी मुझे याद है. मैंने यह कविता माधुरी को सुनाई थी, इसलिए यह मेरे लिए भूलना मुश्किल है. आज भी ऐसा लगता है जैसे वह कविता मेरे खून में दौड़ रही हो. जब भी कोई मुझसे उस कविता के बारे में पूछता है, तो काफी सारी यादें दिल में ताजा हो जाती हैं."

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