संजीवनी, दिल मिल गए और आयुष्मान जैसे मेडिकल शो को प्रोड्यूस करने वाले डायरेक्टर सिद्धार्थ पी मल्होत्रा अपनी नई सीरीज डॉक्टर्स के लिए इन दिनों चर्चा में हैं, जो 27 दिसंबर से जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही है. इसी को लेकर NDTV की रोजी पंवार से खास बातचीत में सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने अपनी अपकमिंग फिल्म कमाल और मीना से लेकर महाराज को ओटीटी पर रिलीज करने की वजह पर बात की. आइए पढ़ें इंटरव्यू
डॉक्टर्स को लिखने की कोई खास वजह?
लिखने की खास वजह ये थी की जियो से ही ऑफर आया था कि हमें एक मेडिकल शो चाहिए. क्योंकि पहले मैंने मेडिकल शोज काफी बनाए थे. तो क्रिएटर के तौर पर मुझे ऐसा लगता है कि एक खासियत होती है जिसमें वो डिलीवर करता है. मैंने संजीवनी, दिल मिल गए और आयुष्मान जैसे शोज डिलीवर किए हैं. तो यह जियो से ही आया कि हमें ओटीटी के लिए एक मेडिकल शो चाहिए और आप वो बनाइए जो आप बनाना चाह रहे हैं. फिर हमने सोचा कि ओटीटी पर वो सब कहा जा सकता है, जो आज तक हमने टीवी पर कहा नहीं. वह सब दर्शाया भी जाया जा सकता है, जो हम टीवी पर कुछ गाइडलाइंस की वजह से कह नहीं पाए. उस हिसाब से हमें एक मौका मिल रहा है वो जो भड़ास थी इतने सालों की ये कहानी डॉक्टर्स की. टीवी के कुछ दायरे होते हैं, जिनसे हम आगे निकल नहीं पाते. तो हमें मौका मिला. हमने ये पूरी रचना की और सुनाई उनको. उन्हें ठीक लगी और फिर. ऐसे धीरे धीरे करके यह सेट हो गया.
क्या वजह रही कि आपने इस सीरीज की कहानी तो लिखी लेकिन डायरेक्ट नहीं की?
इसकी वजह यह है कि मैं उस वक्त महाराज कर रहा था. इसे डायरेक्टर साहिर रजा ने किया और बहुत अच्छा डायरेक्ट किया. इस सीरीज की स्क्रिप्ट में उन्होंने काफी कॉन्ट्रीब्यूट भी किया है राइटर्स के साथ में मिलकर. पहले मैंने राइटर्स के साथ मिलकर कहानी लिखी. उसके बाद डायरेक्टर को लाया गया. और फिर डायरेक्टर ने भी अपनी काफी इन्वॉल्वमेंट दिखाई और ये जो डायरेक्टर हैं वह हर डिपार्टमेंट में घुसते हैं तो उनके साथ मुझे काम करने का काफी मन था. इनके साथ काम करूं क्योंकि मैंने इनका काम देखा था मैंने पहले. तो मौका मिला और आप जब अलग डायरेक्टर्स के साथ काम करते हो तो कुछ सीखने का मौका मिलता है. मेरी लालच वो थी कि मैं उनसे भी कुछ सीख लूं.
आप ने 14 साल में सिर्फ तीन फिल्में डायरेक्ट की हैं, क्या कारण रहा?
नहीं कोई खास वजह नहीं है. फिल्मों में देरी होती चली गई. पहले वी आर फैमिली के बाद हिचकी को रिलीज होने में 7 साल लग गए. फिर 7 साल के बाद जब महाराज आई तो कोविड आ गया. कोविड के बाद ओटीटी पर फिल्म को लाने का फैसला किया गया. वो होते होते हो गया. कोई ऐसा प्लान नहीं करता कि तीन तीन साल के बाद फिल्म आए. उम्मीद ये होती है कि हर साल एक फिल्म निकले और अब कोशिश यह होगी कि हर साल या दो साल में एक फिल्म निकले.
महाराज एक अच्छे विषय पर बनाई गई गहरी फिल्म थी, उससे सिनेमाघरों में रिलीज क्यों नहीं किया?
प्रोड्यूसर का फैसला था. उस वक्त आप ध्यान देंगे कि कोविड जब खत्म हुआ था तो सिनेमाघरों में कोई जा ही नहीं रहा था. डेढ साल पहले देखें तो कोई सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज करे और कोई देखें ही ना तो ऐसा कोई नहीं चाहता. वो तो यशराज बहुत पहले से प्रोड्यूसर रहा है. उनसे बेहतर कौन जानेगा कि यह फिल्म कहां पर आनी चाहिए और क्यों आनी चाहिए. हम तो आपके लिए काम करते हैं और यह उनका फैसला है. हमारा काम है फिल्में बनाना और एक ऐसी फिल्म बनाना जिस पर हमें गर्व हो. तो हमारा काम वहां पर रुक जाता है. अब कैसे फिल्म को थियेटर या ओटीटी पर लाया जाए. उन पर ही छोड़ दें तो बेहतर है.
आने वाले समय में भी आप कोई कहानी ही लिखेंगे या फिल्म का निर्देशन करेंगे?
प्रोड्यूसिंग और डायरेक्शन दोनों में दिखेंगे. डायरेक्शन की अलग कहानियां होगी और प्रोड्यूसर के तौर पर अलग जिम्मेदारी होगी. कमाल और मीना का ऐलान हो चुका है. उस पर स्क्रिप्ट का काम चल रहा है. जैसे ही उस पर काम हो जाएगा तो कास्टिंग का काम शुरू हो जाएगा.
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