
बॉलीवुड में अलग-अलग सुपरस्टार्स अपने तरह-तरह के स्टाइल्स के लिए फेमस रहे हैं. हिन्दी सिनेमा के इतिहास में इन स्टाइल्स के साथ सुपरस्टार्स सिनेमाघरों में तहलका मचाने में कामयाब रहे हैं. किसी एक्ट्रेस का हेयरस्टाइल उनके नाम से मशहूर रहा, कोई हीरो मफलर तो कोई किसी खास कलर के कपड़ों की वजह से चर्चा में रहा और आज तक याद किया जाता है. बहुत से सुपरस्टार्स ऐसे भी हैं जो यह मानते हैं की इन स्टाइल्स को अपनाने के बाद उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शनस ने आसमान छुआ और उन्होंने अपने कारियर में लंबी छलांग मारी. आइए जानते हैं ऐसे ही एक सुपस्टार के इस स्टाइल के बारे में जो इत्तिफाक से उनका लकी चार्म बन गया.
भारत में फिल्में अपने ‘लार्जर देन लाइफ' होने के लिए जानी जातीं हैं. इसका फायदा हिंदी और साउथ दोनों जगह के सुपरस्टार्स बखूबी उठाते हैं. हिन्दी फिल्मों के लार्जर देन लाइफ होने की वजह से तमाम सुपरस्टार्स ने अपने-अपने स्टाइल्स से शोहरत कमाई है. 70 और 80 के दशक के बॉलीवुड और साउथ दोनों के सुपरस्टार रहे जितेंद्र की कहानी भी कुछ ऐसा ही बयान करती है. 1967 की फिल्म फर्ज में जितेंद्र ने पहली बार सफेद जूते पहने थे.
कहा जाता है कि इससे पहले जितेंद्र को काम के मामले में काफी संघर्ष करना पड़ रहा था और अगर काम मिल भी रहा था उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं. फिल्म फर्ज के बाद जितेंद्र ने इस चीज को नोटिस किया कि सफेद रंग उनके लिए लकी साबित हुआ. इसके बाद वो अपनी अमूमन सभी फिल्मों में सफेद शर्ट, ट्राउजर और सफेद जूते पहने नजर आने लगे. यह एक इत्तेफाक उनके लिए ना केवल भाग्यशाली रहा बल्कि उनकी यूएसपी बन गया. जितेंद्र का सफेद के साथ एक ऐसा कनेक्शन बैठा कि कुछ प्रोड्यूसर्स को यह अंधविश्वास लगने लगा कि अगर जीतेंद्र सफेद जूते पहनेंगे, तो फिल्म हिट होगी.
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