Ustad Bismillah Khan: बिस्मिल्लाह खान ने शहनाई को पहुंचाया बुलंदियों पर
नई दिल्ली:
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को जवानी के दिनों में दो ही चीजों की दीवानगी थी. एक तो कुलसुम हलवाइन की कचौड़ियां और दूसरा सुलोचना की फिल्में. Bismillah Khan जवानी के दिनों में जो भी कमाते थे अपने इन्हीं दो शौक को पूरा करने पर खर्च कर देते थे. गूगल ने Ustad Bismillah Khan 102nd Birthday टाइटल से डूडल क्रिएट किया है. यह बिस्मिल्लाह खान की शहनाई का ही जादू था कि उन्हें 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया. बिस्मिल्लाह खान ताउम्र मस्तमौला रहे और उन्हें फक्कड़ी में जिंदगी जी. लेकिन उनकी शहनाई का जादू कभी कम नहीं हुआ. यही वजह रही कि उनकी 102वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है.
गूगल डूडल ने शहनाई के जादूगर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को किया याद, जानें ये 7 खास बातें
लता मंगेशकर पर किताब लिखने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता यतींद्र मिश्र ने 'सुर की बारादरी' में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (Ustad Bismillah Khan) के साथ कई दिलचस्प बातें की हैं और उनके अनुभव भी साझा किए हैं. उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बचपन से लेकर जवानी तक के ये किस्से बहुत ही मजेदार हैं, और कमाल के हैं. बिस्मिल्लाह खान के बारे ऐसा ही एक किस्सा इस किताब से यहां दिया जा रहा हैः
"वे अपनी जवानी के दिनों को याद करते हैं. वे अपने रियाज को कम, उन दिनों के अपने जुनून को अधिक याद करते हैं. अपने अब्बाजान और उस्ताद को कम, पक्का महाल की कुलसुम हलवाइन की कचौड़ी वाली दुकान व गीता बाली और सुलोचना को ज्यादा याद करते हैं. कैसे सुलोचना उनकी पसंदीदा हीरोइन रही थीं, बड़ी रहस्यमय मुस्कराहट के साथ गालों पर चमक आ जाती है...
जानें कौन थे बिस्मिल्लाह खान, 'सारंगी के आतंक' के दौर में कैसे दिलाई शहनाई को पहचान
जैसे-जैसे अमीरूद्दीन (उस्ताद का बचपन का नाम) जवान होता गया, सुलोचना के प्रति उसका शौक भी जवान होता गया. इधर सुलोचना की नई फिल्म सिनेमाहॉल में आई और उधर अमीरूद्दीन अपनी कमाई लेकर चला फिल्म देखने, जो बालाजी मंदिर पर रोज शहनाई बजाने से उसे मिलती थी. एक अठन्नी मेहनताना. उस पर यह शौक जबरदस्त कि सुलोचना की कोई नई फिल्म न छूटे और कुलसुम की देसी घी वाली दुकान. वहां की संगीतमय कचौड़ी. संगीतमय कचौड़ी इस तरह क्योंकि कुलसुम जब कलकलाते घी में कचौड़ी डालती थी, उस समय छन्न से उठने वाली आवाज से उन्हें सारे आरोह-अवरोह दिख जाते थे."
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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